शोला और शबनम से डेब्यू करने वाले गोविंद नामदेव ने बॉलीवुड, मराठी और साउथ इंडस्ट्री में काफी काम किया है। वो सलमान खान की राधे और ओह माय गॉड जैसी बड़ी फिल्मों का हिस्सा रहे हैं।
साथ ही उन्होंने थिएटर में भी काम किया है।
हाल ही में हुए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि क्यों बॉलीवुड फिल्में फ्लॉप हो रही हैं, और क्यों साउथ की फिल्में चल रही हैं?
गोविंद नामदेव ने कहा, “मेरा मानना है कि साउथ के लोगों की फिल्म निर्माण संस्कृति पहले से ही परिपक्व है। उनके पास बहुत अनुशासन है। वे जानते हैं कि फिल्म का निर्माण करना क्या होता है। वो पूरा एक साल बिता देते हैं, जब तक काम पूरा नहीं हो जाता।
उनका पर्दे पर प्रेजेंट करने का सेंस उम्दा है।”
गोविंद नामदेव ने आगे कहा, ‘हर शॉट पर सोचते हैं कि इसे कैसे बनाया जाए यह कैसे दर्शकों को प्रभावित करेगा, क्या हमें इसमें और मेहनत करनी चाहिए? इसी तरह वह पूरी फिल्म की कल्पना करते हैं। ऐसे ही बनाए गई है ब्लॉकबस्टर ‘पुष्पा’ और ‘आरआरआर’।
साउथ का क्रेज बाहुबली से ही शुरू हो गया था। यह बेहद स्टाइलिश फिल्म थी। ये करोड़ों रुपए सिर्फ फिल्मों के दम पर खर्च करते हैं। उनका यह भी मानना है कि फिल्म चलेगी। उन्हें पता है कि पैसा आएगा। ‘निर्देशक प्रेजेंटेशन के हिसाब से मेहनत करते हैं’।
गोविंद नामदेव ने आगे कहा कि फिल्म का प्रेजेंटेशन उसी हिसाब से किया जाता है। निर्देशक उसी के अनुसार निर्देशन करता है। वे बहुत मेहनत करते हैं। कुल मिलाकर वह फिल्म को इतना प्रभावशाली बनाते हैं कि निर्माता भी कायल हो जाते हैं। इसी वजह से उनकी लगभग हर फिल्म सफल होती है।
गोविंद नामदेव ने भी ऋषभ शेट्टी की ‘कांतारा’ की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘यह बहुत अच्छी फिल्म है। ऐसा एक विषय जिसे सभी ने खारिज कर दिया है लेकीन ऋषभ ने उस विषय पर क्या फिल्म बनाई है। खुद डायरेक्शन भी किया और एक्टिंग भी की। क्या कमाल की फिल्म बनाई है।
वे यह भी जानते हैं कि अगर वे विषय को इस तरह पेश करेंगे तो लोग इसे देखेंगे।
गोविंद नामदेव ने कहा, साउथ में कैरेक्टर पर फोकस होता है। जबकि बॉलीवुड में स्टार को प्रोजेक्ट किया जाता है। अगर हमारे गांव और शहर के लोग ‘कांतारा’ देख रहे हैं, तो उन्हें पता नहीं चलता कि वह स्टार हैं। सलमान खान को तो सभी जानते हैं। आमिर खान को तो सभी जानते हैं, लेकिन ‘कांतारा’ देखने के बाद लोग ऋषभ शेट्टी के बारे में सर्च करने लगे।