इरफान खान एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता थे, जो अपनी बेहतरीन अभिनय कला के लिए जाने जाते थे। उन्होंने अपने करियर के दौरान बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक में अनेक फ़िल्मों में काम किया। उन्होंने ‘पान सिंग तोमर’, ‘पीकू’, ‘हिंदी मीडियम’, ‘इंग्लिश मीडियम’, ‘इंफर्नो’ जैसी फ़िल्मों में भी काम किया। उन्होंने अपने अभिनय कलाकृति के लिए कई पुरस्कार भी जीते, जिनमें ‘नेशनल फ़िल्म अवार्ड’ और ‘फ़िल्मफेयर अवॉर्ड’ शामिल हैं। उनके निधन से फ़िल्म जगत को अपूरणीय क्षति हुई है।
दिवंगत अभिनेता इरफान खान का आज के ही दिन 29 अप्रैल को देहांत हुआ था। आज उनके पुण्यतिथि पर इरफान खान द्वारा किए गए कुछ बेहतरीन फिल्मों पर एक नजर डालते हैं।
1. द नेमसेक:
झुंपा लाहिड़ी की उपन्यास मीरा पर आधारित इस फिल्म को मीरा नायर द्वारा निर्देशित किया गया है। इरफान खान इसमें एक साहित्य-प्रेमी पिता अशोक के रूप में हैं, जिन्होंने लेखक के नाम पर अपने बेटे का नाम गोगोल रखा था। पिता और पुत्र एक कल्चर गैप से गुजरते हैं। एक दृश्य है जब अशोक अपने बेटे के असामान्य नाम के पीछे की पूरी कहानी को प्रकट करता है। फिल्म में इरफान का किरदार अशोक अपेक्षाकृत कम उम्र में मर जाता है। गोगोल की मां आशिमा, जो तब्बू द्वारा निभाई गई है, से उनकी शादी के शुरुआती दिनों के फ्लैशबैक दिखाए जाते हैं। लेकिन इन दृश्यों में भी इरफान चमकते हैं।
2. हिंदी मीडियम:
भारतीय शिक्षा प्रणाली की बारीक मांगों पर बनी ये फिल्म एक कॉमेडी ड्रामा है। साकेत चौधरी के निर्देशन में बनी यह फिल्म वर्ग असमानता जैसे सामाजिक मुद्दों के बारे में बात करती है और जो लोग अंग्रेजी बोलना नहीं जानते हैं, उन्हें किस तरह से देखा जाता है। कहानी मीता (सबा क़मर) और राज बत्रा (इरफान खान) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो दिल्ली के चांदनी चौक के एक संपन्न जोड़े हैं, जो अपनी बेटी को एक अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
3. पीकू:
दीपिका पादुकोण, अमिताभ बच्चन और इरफ़ान खान अभिनीत, पीकू एक फुल एंटरटेनिंग फिल्म थी। पीकू एक आत्मनिर्भर महिला और उसके पिता भास्कर बनर्जी के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है।
पीकू का पिता एक बूढ़ा व्यक्ति है, जो अपनी बीमारियों से परेशान रहता है, पीकू अपने पिता के साथ रोड ट्रिप पर कोलकाता जाती है यहीं उन दोनों की मुलाकात राणा (इरफान खान) से हो जाती है जो एक टैक्सी सेवा का मालिक है। इरफ़ान के किरदार ने फिल्म में चार चांद लगा दिया है।
4. लाइफ इन ए मेट्रो:
अक्सर अपने म्यूजिक एल्बम के लिए याद की जाने वाली यह फिल्म मुंबई में रहने वाले नौ कैरेक्टर्स के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है। कहानी में दिखाया जाता है कि कैसे वे लोग प्यार के सही अर्थ के बारे में सीखते हैं और रिलेशनशिप्स और ब्रेकअप्स से कैसे निपटते हैं। इरफ़ान का किरदार मोंटी एक परफेक्ट मैच की तलाश में रहने वाला लड़का है, जो श्रुति से मिलता है और कहानी इस बात के इर्द-गिर्द घूमती है कि कैसे श्रुति और मोंटी के रास्ते एक होते हैं।
5. लाइफ ऑफ पाई:
आंग ली द्वारा निर्देशित फिल्म एक मास्टरपीस थी। फिल्म की कहानी पाई पटेल नाम के एक भारतीय व्यक्ति के जीवन की है। पाई के पिता पूरे परिवार के साथ कनाडा शिफ्ट होने का फैसला करते हैं लेकिन अंत में उनका जहाज डूब गया और उनकी मृत्यु हो गई जिससे पाई अपने परिवार में अकेला जीवित बचा। कहानी इस बारे में है कि कैसे पाई महीनों तक लाइफबोट पर एक बंगाल टाइगर के साथ जीवित रहा। इस फिल्म को काफी प्रशंसा मिली थी ।
6. क़रीब क़रीब सिंगल:
इस फिल्म में इरफ़ान और पार्वती ने मेड फॉर ईच अदर वाले कपल के रूप में अभिनय किया है। दोनों एक डेटिंग वेबसाइट के माध्यम से मिलते हैं, इरफान का कैरेक्टर योगी एक मिसलीडिंग कवि है जो हमेशा कुछ गड़बड़ करता है। फिल्म में योगी को देखकर लगेगा ये एक परेशान करने वाला व्यक्ति है। लेकिन फिल्म बीतने के साथ ऐसा लगने लगता है कि वह पुराने जमाने का अच्छा आदमी है जो शब्दों और अपने जीवन के अनुभवों से प्रभावित करता है।
7. मकबूल:
निर्देशक विशाल भारद्वाज की शेक्सपियर ट्रायलॉजी में यह पहली फिल्म है, इसके बाद ओमकारा और हैदर है।
ये तीनों क्रमशः मैकबेथ, ओथेलो और हेमलेट पर आधारित है। मकबूल के रूप में, खान एक स्कॉटिश राजा के बजाय मुंबई के एक गैंगस्टर, अब्बा जी के लिए काम करता है, और मामलों को और अधिक जटिल बनाने के लिए, वह अपने बॉस की मालकिन के साथ सीक्रेट रिलेशनशिप में है। दोनों मिलकर अब्बा जी को मारने की साजिश रचते हैं। इरफान की एक्टिंग हमेशा की तरह बेहतरीन है।
8. पान सिंह तोमर:
तिग्मांशु धूलिया द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म की कहानी पान सिंह तोमर नामक किरदार की है, जो सेना में भर्ती होता है और भारतीय राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक जीतता है। मगर रियारमेंट के बाद जब प्रशासन के द्वारा उसके साथ सही सलूक नहीं किया जाता, तो वह चम्बल का एक मशहूर डाकू बन जाता है। एक तरह से यह फ़िल्म बताती है कि कई बार परिस्थितियां इंसान को डाकू बनने पर मजबूर कर देती हैं।इस फ़िल्म के लिए इरफ़ान राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से सम्मानित किए गए थे।
9. द लंचबॉक्स:
इस फिल्म को इरफान खान की बेहतरीन अदाकारी में से एक माना जाता है। यह एक गलत लंचबॉक्स की कहानी कहता है जो मुंबई में दो अजनबियों के बीच एक अप्रत्याशित रोमांस की ओर ले जाता है।
10. तलवार:
मेघना गुलज़ार द्वारा निर्देशित, यह अपराध थ्रिलर कुख्यात आरुषि तलवार हत्याकांड पर आधारित है और इसमें इरफ़ान को एक जांच अधिकारी के रूप में दिखाया गया है जो सच्चाई को उजागर करने की कोशिश कर रहा है।