बॉलीवुड के 10 शीर्ष निर्देशक जिनकी फिल्म एक्टर के बलबूते नही परन्तु निर्देशक के अनोखे पैतरों पर दर्शकों के दिलों पर राज करती है।

  • December 11, 2023 / 10:19 AM IST

1. यश चोपड़ा

वर्ष 2001 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार और वर्ष 2005 में पद्म भूषण दोनों से सम्मानित यश चोपड़ा,2006 में, ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ फिल्म एंड टेलीविज़न आर्ट्स ने उन्हें आजीवन सदस्यता से सम्मानित किया, जिससे वह यह सम्मान अर्जित करने वाले पहले भारतीय बन गए।

उनके द्वारा निर्देशित कुछ सबसे सफल फिल्मों में दाग (1973), कभी-कभी (1976), काला पत्थर (1979), सिलसिला (1981), चांदनी (1989), डर (1993), दिल तो पागल है (1997), वीर-ज़ारा (2004) और जब तक है जान (2012) शामिल हैं।

2.सत्यजीत रे

सत्यजीत रे का योगदान बॉलीवुड को सिखाने से लेकर अपनी पहचान स्थापित करने तक है.. बॉलीवुड के मार्गदर्शन रहे सत्यजीत ज्यादा बंगाली सिनेमा में ही हाथ आजमाया। उनकी फिल्म पश्चिम निर्देशकों द्वारा भी काफी पंसद की जाती रही। उन्होने उनकी पहली फिल्म ‘पाथेर पांचाली’ ने कई अवार्ड जीते। हिन्दी में उन्होने ‘शतरंज के खिलाडी’ जैसी फिल्म बनाई जो हिन्दी सिनेमा की यादगार फिल्म है। भारत रत्न सत्यजीत रे को भारतीय सिनेमा का सबसे बेहतर डायरेक्टर कहा जाता है।सत्यजीत रे को 1992 में भारत रत्न दिया गया था।

3.गुरुदत्त

गुरुदत्त की फिल्म ‘प्यासा’ हिन्दी सिनेमा की लोकप्रिय फिल्म है। आलोचकों ने गुरू दत्त की फिल्म को अपने वक्त से आगे की बताया। लेकिन छोटी सी जिंदगी में उन्होंने कई बड़े काम किए जिसका गवाह उनकी फिल्में हैं। उनकी फिल्मों में प्यासा, कागज के फूल, चौदहवी का चांद और साहिब बीवी और गुलाम जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में शामिल हैं।गुरुदत्त महज 39 साल की उम्र में इस दुनिया से चले गए।

4.आन्नद एल रॉय

“स्ट्रेंजर ऑन अ ट्रैन’ जैसी असफल फिल्म के साथ करीयर शुरुआत करने वाले आन्नद की तमिल सुपरस्टार धनुष और सोनम कपूर को लेकर मास्टरपीस फिल्म ‘रांझणा’ एक अलग पहचान स्थापित करने में सफल रही इसके बाद उन्होंने कंगना रानौत और आर. माधवन को लेकर तनु वेड्स मनु निर्देशित की। यह फिल्म दर्शकों को बेहद पसंद आई। वह सिनेमाघरों में इसका सीक्वल ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ भी लेकर आये जो बॉलीवुड इतिहास की बेहतरीन फ़िल्मों में शुमार है।

5. प्रियदर्शन

विरासत, हेरा फेरी, हंगामा, हलचल, मालामाल वीकली, चुप चुप के, भूल भूलैया, गरम मसाला, ढोल आदि जैसी शानदार फिल्मों के निर्देशक प्रियदर्शन अब तक तमिल, तेलुगु, मलयालम में कुल मिलाकर 100 फ़िल्में निर्देशित कर चुके हैं।, क्लासिक कॉमेडी फ़िल्मों के लिए प्रसिद्ध प्रियदर्शन को गंभीर विषयों में भी महारत हासिल है। प्रियदर्शन भारत सरकार द्वारा से पद्मश्री से सम्मानित हैं और 2 नेशनल अवार्ड के अलावा ढेरों पुरस्कार एवं सम्मान के मालिक हैं।

6. अनुराग कश्यप

अनुराग कश्यप की फिल्म उस किताब की तरह है, जिसके एक पन्ने से एक किताब रचा जा सकता है ऐसा मानना है आलोचकों का । देव.डी , उड़ान , अग्ली, मुक्काबाज, नो स्मोकिंग के निर्देशक गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसा कल्ट हिन्दी सिनेमा को दिया जिसके समांतर कोई टिक नही पाया। अनुराग चोक्ड, द गर्ल इन येलो बूट जैसी मुख्य धारा से इतर फिल्म बना चुके है।

7.संजय लीला भंसाली

खामोशी, हम दिल दे चुके सनम, ब्लैक, देवदास, पद्मावत, बाजीराव मस्तानी, रामलीला आदि फिल्मों को दर्शकों द्वारा खूब पसंद भी किया गया है। बॉलीवुड को भंसाली ने कई बेहतरीन फिल्में दी हैं और उनके इस योगदान के लिए उनको भारत सरकार द्वारा सम्मानित भी किया गया है। साल 2015 में उन्हें भारत सरकार द्वारा सम्मानित करते हुए पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा गया था। वहीं भंसाली ने अभी तक चार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार को भी अपने नाम किया हुआ है। भंसाली को ये पुरस्कार उनके द्वारा बनाई गई फिल्म ‘देवदास’, ‘ब्लैक’, ‘मैरी कॉम’ और ‘बाजीराव मस्तानी’ के लिए दिए गए थे

8.राजकुमार हिरानी

मनाेरंजक होने के साथ साथ संदेशपरक सिनेमा बनाने वाले राजकुमार हिरानी की हर फिल्म सुपरहिट रहती है। निर्देशक के तौर पर उनकी पहली फिल्‍म ‘मुन्‍नाभाई एमबीबीएस’ थी जिसे भारी सफलता मिली। फिल्म “थ्री इडियट्स” से उन्होंने एक शानदार पहचान स्थापित की। उनकी लोकप्रिय फिल्मों में से मुन्नाभाई एममबीएस, लगे रहो मुन्नाभाई, 3 इडियट्स, पीके, संजू है।

9.इम्तियाज़ अली

“सोचा ना था” फिल्म से निर्देशक के तौर पर डेब्यू करने वाले इम्तियाज की फिल्म “जब वी मेट’ आई, जो दर्शकों के दिल में उतर गयी। इस फिल्म ने उन्हें बॉलीवुड में एक अलग पहचान दिलाई इसके अलावा कई अवार्ड्स नामांकन भी दिलाये.
इसके बाद इन्होंने एक के बाद एक शानदार रोमांटिक ड्रामा फिल्म, लव आज कल, रॉकस्टार, , तमाशा जैसी फिल्म को परदे पर उतारा।

10.बिमल रॉय

बिमल रॉय भारतीय सिनेमा के महान निर्देशकों में शुमार हैं। उन्होंने दो बीघा जमीन, मधुमति, सुजाता और बंदिनी जैसी फिल्में बनाई।कहा जाता है बिमल रॉय ने ही गीतकार गुलजार को बॉलीवुड से रूबरू करवाया था।

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