बॉलीवुड की टॉप 10 थ्रिलर फिल्म जो प्रदर्शन के दौरान दर्शक के दिलो-दिमाग से खेल जाती है।

  • October 10, 2023 / 02:27 PM IST

  • 1. व्योमकेश बक्शी (2015)

बहुचर्चित रचितकाल्पनिक जासूस व्योमकेश बख्शी के कहानी पर आधारित फिल्म निर्देशक दिवाकर बनर्जी की शानदार एक्शन थ्रिलर फिल्म है।

फिल्म की कहानी एक व्यक्ति के गुम होने से लेकर कई परतों में ढलते हुऐ कलकत्ता के अफिम रैकेट तक जाती है। फिल्म हर एक सेकंड नए मोड़ पर नजर आती है। सुशांत सिंह राजपूत , आनंद तिवारी एवं स्वास्तिका मुखर्जी का अभिनय अभिन्न है। फिल्म में नीरज काबी अपने बेहतरीन अंदाज में नजर आएं है।

  • 2. तलाश (2012)

निर्देशक रीमा कागती की फिल्म तलाश वर्ष 2012 में आई साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म है। एक पुलिस इंस्पेक्टर अपने बेटे के रहस्यमई मौत और अपने दुखों से लड़ते हुए किस तरह गुजरता है यह दर्शकों में थ्रिल पैदा करता है।
फिल्म में आमिर खान के साथ साथ करीना कपूर ,रानी मुखर्जी एवं करीना कपूर भी नजर आई है।

  • 3.बदलापुर (2015)

वरुण धवन के चॉकलेटी छवि से ठीक विपरीत शांत एंव कठोर छवि को परदे पर लाऐ है निर्देशक श्रीराम राघवन ने। रघु के किरदार में वरूण अपनी पत्नी और बेटे को एक बैंक लूट की वजह से खो देता है फिल्म उसी बदले की आग में कई आयाम से होकर गुजरती है। नेगेटिव शेड में नवाजुद्दीन सिद्दीकी एवं विनय पाठक का अंदाज निराला नजर आया है। वहीं फिल्म में हुमा कुरैशी, यामी गौतम ,राधिका आप्टे के साथ-साथ दिव्या दत्ता भी नजर आई है।

  • 4.अन्धाधुन (2018)

निर्देशक श्रीराम राघवन द्वारा लिखित और निर्देशित फिल्म अन्धाधुन ब्लैक कॉमेडी थ्रिलर फिल्म है। फिल्म की कहानी एक अंधे पियानो वादक की है जो कई ट्रेजडी से गुजरते हुए अंत तक कई अनसुलझे सवाल खड़े करता है ।
फिल्म के मुख्य किरदार में आयुष्मान खुराना, राधिका आप्टे एवं तब्बू जैसे मंझे हुऐ कलाकार है।

  • 5. मदारी (2016)

एक आदमी के पास जब खोने के लिए कुछ नहीं होता है तो पाने के लिए पूरी दुनिया होती है इस पंक्ति को कृतार्थ करते है निर्मल की भूमिका में इरफान खान
सरकार की लापरवाही के कारण अपने बेटे को खो देता है और बदला लेने के पुरी प्रक्रिया में जिस तरह सवाल खड़े करता है ये बेहद दिलचस्प नजर आती है।
फिल्म के निर्देशक निशिकांत कामत है।

  • 6.कौन (1999)

राम गोपाल वर्मा की फिल्म “कौन” ने थ्रिलर फिल्म की सूची में कैसा कल्ट स्थापित किया है जिसके समक्ष अब तक कोई खड़ा नहीं हो पाया है।
एक अकेली महिला ,एक सेल्समैन के बीच और एक अप्रत्याशित खबर के परिधि घुमती फिल्म हर बार नयी अनुभूति पैदा करती है।
उर्मिला मतोंडकर और मनोज बाजपेयी की केमेस्ट्री गजब का थ्रिल पैदा करती है।

  • 7.कार्तिक कॉलिंग कार्तिक (2010)

निर्देशक विजय लालवानी की फिल्म कार्तिक कॉलिंग कार्तिक जिसकी मुख्य भूमिका में कार्तिक के रूप में फरहान अख्तर हैं जिसमें अंतर्मुखी कार्तिक अपनी पूरी जिंदगी में सिर्फ परेशानियां पाता है। फिर भी एक दिन उसे एक अजनबी से फोन कॉल मिलती है। और इसी फोन कॉल के इर्द-गिर्द पूरी फिल्म घूमते हुए दर्शकों के दिमाग के साथ खेलती नजर आती है।
फिल्म शंकर एहसान लॉय के म्यूजिक काफी कर्णप्रिय है।

  • 8. अग्ली (2014)

अनुराग कश्यप निर्देशित फिल्म अग्ली एक संघर्षरत अभिनेता की कहानी है कि अचानक से बेटी गुम हो जाती है फिर उसके बाद जिस तरह से उसके मानसिक संताप को परदे पर दिखाया जाता है ये दर्शक को कुर्सी से बांधे रखता है।
वहीं फिल्म में राहुल भट्ट के साथ-साथ रॉनित रॉय ,विनीत कुमार एवं गिरीश कुलकर्णी की अदाकारी लाजवाब है।

  • 9. द स्टोनमैन मदर्स (2009)

निर्देशक मनीष गुप्ता की 2009 में आई फिल्म “द स्टोनमैन मडर्स ” एक सत्य सीरियल किलिंग पर आधारित है जो 1989 के वक्त कलकत्ता में सक्रिय था।
मुंबई के फुटपाथ पर सो रहे निवासियों की क्रूरता से हत्या हो जाती है।
इसी केस के इर्द-गिर्द घूमती फिल्म हर मोड़ पर सवाल पैदा करती नजर आती है फिल्म में के के मेनन ,अरबाज खान ,विक्रम गोखले के साथ-साथ वीरेंद्र सक्सेना
की अदाकारी कमाल की है।

  • 10. एक रूका हुआ फैसला (1986)

निर्देशक बासु चटर्जी फिल्म “एक रूका हुआ फैसला” एक मुलजिम के अपराध को सजा सुनाने में निर्णायक के बीच की बहस है। 12 निर्णायक सदस्य खून के मुकदमे पर चर्चा करते हैं जिसमें लड़का के निर्दोष व दोषी होने पर सवाल खड़े होते है। फिल्म एक पिता की दृष्टिकोण से लेकर एक जिम्मेदार नागरिक के नजरिये तक होकर जाती है जो दर्शको में थ्रिल पैदा करती है।

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