प्रेम पुर्ण हो जाऐ तो अमृत और अधूरा रह जाऐ तो विष, उपरोक्त पंक्ति को परिभाषित करते हुऐ संजयलीला भंसाली निर्देशित फिल्म देवदास नें अपना भव्य कीर्तिमान स्थापित किया। यह फिल्म सरत चंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास देवदास पर आधारित है। इसकी मुख्य भूमिका में शाहरुख खान , ऐश्वर्या राय के साथ माधुरी दीक्षित की केमेस्ट्री बेहद दिलचस्प लगती है।
बनारस की गलियों से शुरू हुई प्रेमकहानी को दिल्ली के राजनीतिक मंचो तक सफर करवाते हुऐ आनंद एल रॉय ने रांझणा को नयी पीढ़ी के प्रेम की मिसाल पेश की है। कुंदन के रूप में तमिल स्टार धनुष और जोया की भूमिका में सोनम ने शानदार अभिनय किया है, वही पंडित के रूप में जीशान अयूब और स्वरा के किरदार फिल्म को हास्य के साथ संवेदनशील बनाने में सफल होते मालूम पड़ते है।
“जब दिल टूटता है तब आती है खनक” फिल्म रॉकस्टार से ली इस पंक्ति को कृतार्थ किया है निर्देशक इम्तियाज अली ने , दिल लगाने से लेकर दिल तुड़वाने तक के सफर को बेहतरीन तरीके से परदे पर अभिनय किया है रणवीर कपूर, नरगिस फाखरी और कुमुद मिश्रा ने। फिल्म जिस तड़प, मलाल और वेदना से होते हुऐ मोहित चौहान के गाने तक पहुँचती है तो प्रेम की नई परिभाषा उसके समानांतर में रचित होती मालूम पड़ती है।
निर्देशक सह लेखक मनीष झा कृत सिनेमा “अनवर” 2007 में एक अन्डररेटेड प्रेम कहानी है. फिल्म का फलसफां यह है की फिल्म का हर एक किरदार प्रेम
में है, हर एक अन्दर वेदना है और यही डंक फिल्म को संजीदा बनाऐ रखती है।
पंकज झा, मनीषा कोईराला के साथ विजय राज की अदाकारी अविस्मरणीय है।
डीडीएलजे ने कई पीढी को प्यार करना सीखाया है, इसने वो कल्ट स्थापित किया जो भारतीय सिनेमा में अमिट है। निर्देशक सह लेखक आदित्य चोपड़ा
की इस फिल्म में 10 फिल्मफेयर पुरस्कार जीते थे।
बॉक्स ऑफिस पर फिल्म की अनुमानित आय 2 बिलियन के आसपास रही।
बरहाल फिल्म की कहानी की बात करें तो सिमरन के रूप में काजोल एक सख्त एंव रूढ़िवादी घर की लड़की है। , वही राज मल्होत्रा (शाहरूख) आजाद परिंदा है फिल्म इनके प्रेम कहानी के परिधि में घुमती है। अमरीश पुरी ,फरीदा जलाल अनुपम खेर, आदि की भूमिका काबिलेतारीफ है।
इम्तियाज अली द्वारा निर्देशित सह लिखित फिल्म “जब वी मेट” में 2007 में आई रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है। फिल्म की मुख्य भूमिका में शाहिद कपूर करीना कपूर सौम्या टंडन के अलावा तरुण अरोड़ा भी है।
वही कहानी की बात करें तो फिल्म मुख्य रूप से एक हताश व्यपारी की बातूनी लड़की से पनपी प्रेम से खुश होने तक के सफर की है।
फिल्म क्लाइमैक्स तक आते-आते कई सारी सीख दे जाती है।
कहते है मोहब्बत की मर्यादा ऩ उम्र, सूरत, ना सरहद होती है… फिल्म वीर जारा इस बात का जीता जागता उदाहरण है वर्ष 2004 में आई निर्देशक यश चोपड़ा की फिल्म वीर जारा बॉलीवुड चुनिंदा प्रेम कहानी में से एक है।
वही कहानी की बात करे तो भारतीय पायलट वीर के रूप में शाहरुख खान को पाकिस्तानी लड़की जारा के रूप में प्रीति जिंटा से प्रेम हो जाता है।
फिल्म में मनोज वाजपेयी भी नजर आऐ है।
निर्देशक सूरज बड़जात्या की फिल्म मैंने प्यार किया 1989 में आई पारिवारिक फिल्म है। प्रेम की भूमिका में सलमान और सुमन की भूमिका में भाग्यश्री के दोस्त से प्रेमी होने का सफर काफी निराला है। फिल्म मैं मोहनीश बहल, रीमा लागू एवं आलोक नाथ ने शानदार अभिनय किया है।
2003 में आई रोमांटिक ड्रामा फिल्म चलते चलते निर्देशक अजीज मिर्जा की बहुचर्चित फिल्मों में से एक है। मुख्य भूमिका में शाहरुख खान के साथ रानी मुखर्जी की केमिस्ट्री परदे पर छाप छोड़ती है। गौरतलब यह है की वर्ष 2003 मे चौथी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म रही है। वही कहानी की बात करें तो फिल्म सामाजिक मुख्यधारा से इतर होते हुऐ भी संजीदगी से पेश आती है।
राम की सौम्यता और सीता सी मृदुल भाव में कलाकार दुलकर सलमान और मृणाल ठाकुर के बीच की अप्रत्याशित प्रेम कहानी को परदे पर शानदार तरीके से उतारा है निर्देशक हनु राघवपुड़ी ने ।
नूरजहां के किरदार में मृणाल ठाकुर एवं भारतीय सेना के सैनिक के रूप में दुलकर सलमान का अभिनय समय के अतीत में चलते हुऐ जब क्लाईमेक्य तक पहुँचता है तो दर्शक की नम आंखें निर्णायक की भूमिका में होती है।
फिल्म के संवाद और सिनेमेटोग्राफी काबिलेतारीफ है।