गौरी शिंदे निर्देशित फिल्म इंग्लिश विंगलिश एक गृहणी को अंग्रेजी का ज्ञान ना होने के वजह से उससे होने वाले संघर्ष के इर्द-गिर्द घूमती है।
शशि के रूप में श्रीदेवी और वर्सेटाइल एक्टर आदिल हुसैन की अदाकारी भारतीय समाज का आईना दिखाती है।
फिल्म पितृसत्तात्मक व्यवस्था पर सवाल करते हुऐ भी नजर आती है।
महान निर्देशक मणिरत्नम किक फिल्म गुरु वर्ष 2007 में आई अपने समय से आगे की सोच रखने वाली फिल्म रही है। गुरुकांत देसाई के रूप में अभिषेक बच्चन ने फिल्म के माध्यम से व्यापार के गुढ तथ्यो के साथ पारिवारिक समन्वय को बेहतरीन ढंग से पर्दे पर रखा । वही ए आर रहमान की संगीत मनमोहक सिद्ध होती है। फिल्म में ऐश्वर्या राय के साथ-साथ मिथुन चक्रवर्ती ,आर माधवन विद्या बालन जैसे बेहतरीन कलाकार नजर आए।
चेतन भगत के उपन्यास “फाइव प्वाइंट समवन” से आंशिक रूप से प्रेरित फिल्म थ्री इडियट वर्ष 2009 में आई निर्देशक राजकुमार हिरानी की बहुचर्चित फिल्म है। फिल्म ने सफलता के नजरिये को समाज में एक अलग परिदृश्य में स्थापित किया है। वह इसकी मुख्य भूमिका में आमिर खान, करीना कपूर, आर माधवन शर्मन जोशी नजर आए है।
ओमी वैद्य का किरदार फिल्म के रिलीज के 15 साल बाद भी उतना ही लोकप्रिय है।
निर्देशक अमोल गुप्ते की फिल्म ” तारे जमीन पर” वर्ष 2007 में आई समाजिक पृष्ठभूमि पर आधारित है। डिस्लेक्सिया से पीड़ित छात्र ईशान अपने नए कला शिक्षक से किस तरह खुलता है ये काफी दिलचस्प मालूम पड़ता है।
शिक्षक के रूप में आमिर खान अपने बेहतरीन अंदाज से प्रशंसा के पात्र साबित होते है। वहीं फिल्म में टिस्का चोपड़ा एवं विपिन शर्मा भी नजर आए है।
बिहार के गया के गहलौर गांव के साधारण गरीब मजदूर दशरथ मांझी के वास्तविक जीवन घटना पर आधारित फिल्म मांझी द माउंटेन मैन निर्देशक केतन मेहता की उम्दा फिल्मों में से एक है।
फिल्म की मुख्य भूमिका में नवाज़ुद्दीन सिद्धकी और राधिका आप्टे की प्रेम कहानी काफी दिलचस्प और मजेदार लगती है। वही जातिवादी व्यवस्था से ओतप्रोत तिग्मांशु धूलिया एवं पंकज त्रिपाठी का अभिनय काबिलेतारीफ है।
बहुचर्चित ओलंपिक विजेता मुक्केबाज मैरी कॉम के जीवन पर आधारित वर्ष 2014 में निर्देशक ओमंग कुमार द्वारा आई फिल्म मैरी कॉम जिसकी मुख्य भूमिका में प्रियंका चोपड़ा है। फिल्म महिला प्रधान होने के साथ साथ पितृसत्तात्मक समाज पर अपनी पहचान स्थापित करते हुए नजर आती है।
भारतीय एथलीट मिल्खा सिंह के जीवनी पर आधारित फिल्म भाग मिल्खा भाग वर्ष 2013 में आई राकेश ओमप्रकाश मेहरा की उम्दा फिल्म की सूची में अव्वल है। मिल्खा सिंह की भूमिका निभा रहे फरहान अख्तर गिरते गिरते संभलते क्लाइमेक्स तक आते-आते दर्शकों को कई प्रेरणा उसे भर देते हैं वहीं फिल्म में दिव्या दत्ता और सोनम कपूर की नजर आई है।
“बीहड़ में बागी होते डकैत होते हैं पार्लियामेंट में” फिल्म से लिया गया यह डायलॉग फिल्म की बोल्डनेस को बयां करता है। एथलीट पान सिंह तोमर के जीवन पर आधारित यह फिल्म निर्देशक तिग्मांशु धूलिया द्वारा बेहतरीन फिल्मों मे से एक है। जिस प्रकार अन्याय से सहकर एक सैनिक सरकार के विरुद्ध हथियार उठाता है इसे बखूबी निभाया है पान सिंह तोमर के किरदार में मशहूर कलाकार इरफान खान ने ।
फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी माही गिल के साथ-साथ पत्रकार बृजेंद्र काला की भूमिका अविस्मरणीय है।
निर्देशक विक्रमादित्य मोटवाने एंव लेखक अनुराग कश्यप की फिल्म उड़ान वर्ष 2010 में आई ड्रामा फिल्म है। फिल्म की कहानी एक दमनकारी पिता और उसके दो बेटों के बीच के समन्वय की है फिल्म परिवारिक रिश्ते के साथ-साथ कला के महत्व को भी दर्शाती है। गौरतलब यह है कि रॉनित रॉय के साथ-साथ राम कपूर का अभिनय परदे पर दमदार नजर आता है।
निर्देशक अश्विनी अय्यर तिवारी की फिल्म निल बटे सन्नाटा वर्ष 2015 में आई ड्रामा फिल्म है। एक नौकरानी की बेटी जिस तरह अपनी मां के साथ अपनी पढ़ाई के सफर को पूरा करती है यह महिला प्रधान परिदृश्य में मिशाल स्थापित करता नजर आता है। शिक्षक की भूमिका में पंकज त्रिपाठी अपने अभिनय से बेहद मजेदार नजर आते है। स्वरा भास्कर के साथ-साथ रत्ना पाठक शाह फिल्म की भूमिका नजर आई है।