1.टॉयलेट: एक प्रेम कथा (2017)
निर्देशक श्री नारायण सिंह की फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा बहुत ही महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दे, देश भर के घरों में उचित शौचालयों की कमी, के बारे में बात करता है। एक आदमी की पत्नी ने उसे तलाक देने का फैसला किया क्योंकि उसके घर में आज भी शौचालय नहीं है। फिर वह आदमी अपने गांव में एक सार्वजनिक शौचालय बनाने के लिए हर संभव प्रयास करता है।फिल्म के मुख्य कलाकार अक्षय कुमार और भूमि पेडनेकर है।
2.पिंक (2016)
“नो मिन्स नो” कन्सेन्ट के परिधि में समकालीन परिस्थितियों की जरूरी फिल्म पिंक के निर्देशक अनिरूद्ध रॉय चौधरी ने अमिताभ बच्चन, तापसी पन्नू और कीर्ति कुल्हारी जैसे कलाकार के साथ बेहतरीन कला को परदे पर उतारा है। फिल्म ब्लात्कार के मुद्दे पर शुरू होते हुऐ कई समाजिक कुरूतियों पर कटाक्ष करती हुई प्रतीत होती है, वकील की भूमिका में बच्चन साहब और विपरीत में पीयूष मिश्रा अपने डॉयलॉग के अंदाज से दर्शक के दिलों दिमाग पर अंकित हो गऐ।
3.उड़ान (2010)
निर्देशक विक्रमादित्य मोटवाने एंव लेखक अनुराग कश्यप की फिल्म उड़ान समाज के उन अनदेखे पहलू पर बात करती है जिसका परिणाम अंत में दिखता है, फिल्म की कहानी एक दमनकारी पिता और उसके दो बेटों के बीच के समन्वय की है फिल्म परिवारिक रिश्ते के साथ-साथ कला के महत्व को भी दर्शाती है। गौरतलब यह है कि रॉनित रॉय के साथ-साथ राम कपूर का अभिनय परदे पर दमदार नजर आता है।
4.मंथन (1976)
निर्देशक श्याम बेनेगल की फिल्म मंथन ” वर्गीज कुरियन” के दुग्ध सहकारी आंदोलन से प्रेरित वास्तविक जीवन घटना पर आधारित है। फिल्म की मुख्य भूमिका में स्मिता पाटिल, नसरुद्दीन शाह, गिरीश कर्नाड ,अमरीश पुरी, कुलभूषण खरबंदा एवं अनंतनाग नजर आए है। फिल्म को ग्रामीण सशक्तिकरण के विषयों और सबसे बढ़कर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सराहा गया है।
5. स्वदेश (2004)
आशुतोष गोवारिकर की फिल्म स्वदेश नासा के लिए काम करने वाला एक व्यक्ति मोहन अपनी बूढ़ी नानी, कावेरी अम्मा की तलाश में भारत लौटता है। वह खुद को एक दूरदराज के गांव में पाता है, जो संस्कृति से समृद्ध है लेकिन आधुनिक जीवन की सुख-सुविधाओं से वंचित है। हालाँकि वह फिर से अमेरिका वापस जाने की इच्छा रखता है, फिर भी वह अपनी मातृभूमि के लिए कुछ अच्छा करने के लिए खुद को उसकी ओर आकर्षित पाता है। प्रतिभा पलायन, पारंपरिक बनाम आधुनिक जीवन, रीति-रिवाज, धर्म, शिक्षा को बेहतर नजरिया प्रदान करती हुई यह फिल्म बेहद सुकून का एहसास देती है।
6 .प्रेम रोग (1982)
निर्देशक राज कपूर की फिल्म प्रेम रोग विधवा पुनर्विवाह के बारे में प्रकाश डालती है। मनोरमा ने बहुत कम उम्र में अपने पति को खो दिया था और उसके बचपन के दोस्त देवधर ने उसे एक नया और ताज़ा जीवन शुरू करने में मदद की। फिल्म की मुख्य भूमिका में ऋषि कपूर, पद्मिनी कोल्हापूरे एंव शम्मी कपूर नजर आऐ है।
7.पैडमैन (2018)
निर्देशक आर बाल्की कि फिल्म पैडमैन एक वास्तविक कहानी पर आधारित है। यह फिल्म एक ऐसे व्यक्ति की यात्रा के बारे में है जो गांवों में महिलाओं को कम लागत वाले, स्वच्छ सैनिटरी पैड प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करता है। ऐसे समाज में जो अभी भी मासिक धर्म चक्र के बारे में बहुत सारे पूर्वाग्रहों, मिथकों और अज्ञानी धारणाओं से भरा हुआ है, यह फिल्म बेहद जरूरी और जागरूक करने वाली है।
8.छपाक (2020)
वर्ष 2020 में पर्दे पर आयी फिल्म “छपाक “एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल की जिंदगी पर आधारित है. मेघना गुलज़ार द्वारा निर्देशित इस फिल्म में दीपिका पादुकोण मुख्य भूमिका में हैं. फिल्म में विक्रांत मेस्सी भी अहम किरदार निभाते नजर आते हैं. यह फिल्म समाज के कुकृत्य पर एक तमाचा का काम करता है।
9. थप्पड़ (2020)
निर्देशक अनुभव सिन्हा की फिल्म थप्पड़ समाज में फैली पितृसत्तात्मक पहलू के भयावह रूप पर प्रकाश डालते है। फिल्म एक बात स्पष्ट कर देती है कि हिंसा और विषाक्तता के लिए कभी समझौता नहीं करना चाहिए, चाहे स्थिति कितनी भी भयावह क्यों न हो। फिल्म के मुख्य भूमिका में तापसी पन्नू, नैना ग्रेवाल व पवैल गुलाटी नजर आऐ है।
10.मसान (2015)
लेखक वरुण ग्रोवर एवं निर्देशक नीरज घयावान फिल्म मसान वर्ष 2015 में आई स्वतंत्र ड्रामा फिल्म है फिल्म जातिवादी समाज के प्रतिबंधों एवं यौन संबंध के सामाजिक कलंक के परिधि में घूमती हुई समाज को आईना दिखाने का काम करती है। फिल्म की मुख्य भूमिका में विक्की कौशल ,रिचा चड्डा, श्वेता त्रिपाठी, संजय मिश्रा एंव पंकज त्रिपाठी नजर आऐ है।