बॉलीवुड की वो 10 फिल्म जो प्रकृति का संदेश देती हुई दर्शकों तक जागरूकता फैलाने का काम करती है।

  • February 27, 2024 / 11:00 PM IST

प्रकृति रक्षति: रक्षिता: यानी जब हम प्रकृति की रक्षा करेंगे तब ही प्रकृति हमारी रक्षा करेगी। प्रकृति की देखभाल करना और इसके बेहतरी के प्रति जागरूक रहना ये हर मानव का धर्म है। पर्यावरण के बचाव को लेकर बॉलीवुड भी वक्त वक्त पर ऐसी फिल्में बनाता रहा है जिसने बताया कि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ कितना हानिकारक हो सकता है। चूंकि अगर हम प्रकृति को नहीं संरक्षित करेंगे तो फिर प्राकृतिक आपदाओं का हमे ही सामना करना पड़ेगा। कम बारिश, सूखा, बाढ़ आदि सब प्रकृति से छेड़छाड़ के ही नतीजे माने जाते हैं। ऐसे में एक नजर उन फिल्मों पर जो प्रकृति आपदाओं का एक विभत्स रूप दिखाती हैं

1. कड़वी हवा (2017)

महुआ के बंजर गांव में, जहाँ किसान आत्महत्या एक सामान्य घटना है, एक बूढ़ा व्यक्ति अपने किसान-बेटे के कर्ज के बारे में चिंतित है और वो एक कर्ज लेने वाले के साथ जीने के लिए समझौता करता है।फिल्म दिखाती है कि जलवायु परिवर्तन ने जीवन पर क्या प्रभाव डाला है। ये मानवीय कृत्य हैं. यदि प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग समझदारी से किया गया होता तो ऐसा नहीं होता।
फिल्म के मुख्य किरदार के तौर पर संजय मिश्रा, तिलोत्तमा शोर एंव रणवीर शौर नजर आऐ है।

2.मांझी : द माउंटेन मैन (2015)

बिहार के गया के गहलौर गांव के साधारण गरीब मजदूर दशरथ मांझी के वास्तविक जीवन घटना पर आधारित फिल्म मांझी द माउंटेन मैन निर्देशक केतन मेहता की उम्दा फिल्मों में से एक है। फिल्म मांझी एक ऐसे आदमी के बारे में है जो चट्टानी पहाड़ों के बीच अपना रास्ता बनाता है। पर्वत प्राकृतिक संसाधनों में से एक हैं। फिल्म की मुख्य भूमिका में नवाज़ुद्दीन सिद्धकी और राधिका आप्टे की प्रेम कहानी काफी दिलचस्प और मजेदार लगती है। वही जातिवादी व्यवस्था से ओतप्रोत तिग्मांशु धूलिया एवं पंकज त्रिपाठी का अभिनय काबिलेतारीफ है।

3. पानी (2020)

फिल्म मौड बार्लो के ” ब्लू कोवेनेंट: द ग्लोबल वॉटर क्राइसिस एंड द कमिंग बैटल फॉर द राइट टू वॉटर” नामक उपन्यास पर आधारित है।फिल्म की कहानी एक शक्तिशाली आदमी की है जो पानी के बदले गरीब लोगों का शोषण करता है। फिल्म की मुख्य भूमिका में आयशा कपूर, अनुष्का शर्मा और सुशांत सिंह राजपूत नजर आऐ है।

4.पीपली लाइव (2010)

अनुशा रिजवी व महमूद फारूखी निर्देशित फिल्म पीपली लाइव किसान की जीवन गाथा पर प्रकाश डालती है।
फिल्म पीपली लाइव उन किसानों के बारे में है जो अपनी जान ले लेते हैं।
फिल्म की मुख्य भूमिका में ओमकार दास मानिक पुरी, रघुवीर यादव और शालिनी वत्स नजर आऐ है।

5. जल (2013)

“पानी की कमी” पर प्रकाश डालती है निर्देशक गिरीश मलिक की फिल्म “जल”।
फिल्म की कहानी कच्छ के गांव की है. एक यूरोपीय शोधकर्ता जब गांव में गया तो उसने पाया कि बच्चे पानी के खारेपन के कारण मर रहे हैं। वे एकजुट होकर सरकार के साथ मिलकर समस्या का समाधान निकालें.
फिल्म की मुख्य भूमिका में पुरब कोहली, कीर्ति कुल्हाड़ी एंव रवि गोसाईं नजर आऐ है।

6. कौन कितने पानी में (2015)

फिल्म कौन कितने पानी में जातियों में बंटे दो प्रतिद्वंद्वी गांवों के बारे में है। फिल्म में गांव में पानी के लिए विधवाओं के संघर्ष को दिखाया गया है। इसमें दो गांव दिखाए गए हैं. उनमें से एक में ऊंची जाति रहती है और दूसरे में निचली जाति रहती है। फिल्म के मुख्य भूमिका में राधिका आप्टे, सौरभ शुक्ला और कुणाल कपूर नजार आऐ है।

7. शेरनी (2021)

निर्देशक अमित वी मसूरकर की फिल्म ‘शेरनी’ वन्यजीव संरक्षण के बारे में है। एक वन अधिकारी द्वारा एक नरभक्षी बाघिन का शिकार किया जा रहा है और उसे दूर के समुदाय में रखा जा रहा है। फिल्म की मुख्य भूमिका में विद्या बालन, शरत सक्सेना एवं विजय राज नजर आए है।

8. जंगली (2019)

निर्देशक चार्ल्स रसेल की फिल्म जंगली हाथियों के संरक्षण की लड़ाई के बारे में है। शिकारियों द्वारा उनके दांतों के लिए हाथियों को मारने के परिणामस्वरूप, दीपांकर नायर का हाथी अभयारण्य संकट में है। फिल्म की मुख्य भूमिका में विद्युत जामवाल, आशा भट्ट एंव अतुल कुलकर्णी नजर आऐ है।

9. मेरा गांव मेरा देश (1971)

निर्देशक राज खोसला की फिल्म मेरा गांव मेरा देश एक कथित चोर की कहानी है जो खेती करके पैसे कमाता है । फिल्म प्रेम प्रसंगों से गुजरते हुए प्रकृति का संदेश देती फिल्म की मुख्य भूमिका में धर्मेंद्र, विनोद खन्ना, और आशा पारेख नजर आए है।

10. द एलिफेंट व्हिस्पर्स (2022)

अकैडमी अवॉर्ड फॉर बेस्ट डॉक्युमेंट्री शॉर्ट फिल्म विजेता ” द एलिफैंट व्हिस्पर्स ” हाथी संरक्षण के बारे में है। उपन्यास द एलिफेंट व्हिस्परर्स में बोम्मन और बेली नाम के एक स्वदेशी जोड़े को रघु नाम के एक अनाथ बच्चे भारतीय हाथी की देखभाल करने का काम सौंपा गया है। फिल्म की मुख्य भूमिका में बोमन, विधात रमन ,बेली ,अम्मू और रघु है। फिल्म प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने वाले आदिवासी लोगों के जीवन की पड़ताल करता है और मुदुमलाई राष्ट्रीय उद्यान के प्राकृतिक वैभव को दर्शाता है।

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