फिल्म इंडस्ट्री में कलाकारों के अलावा और भी कई लोग होते हैं, जिनकी जिंदगी इस चमचमाती लाइट्स और इन स्टार्स के पीछे छिप जाती है। नवाजुद्दीन सिद्दिकी और अवनीत कौर की यह फिल्म उन्हीं जूनियर आर्टिस्ट में से एक की है जो भले आज एक जूनियर आर्टिस्ट है लेकिन वो सुपरस्टार बनने की सपने देख रहा है। यह फिल्म आज ओटीटी प्लेटफार्म अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हो गया है।
क्या है फिल्म की कहानी?
इस फिल्म की कहानी तो किरदार के इर्द गिर्द घूमती है, जिसमें से एक है शेरू(नवाजुद्दीन) जिसे उसकी ओवर एक्टिंग की वजह से हर सीन में रिप्लेस कर दिया जाता है। शेरू को फिल्म डायरेक्टर बनना है लेकिन यह सफर आसान नहीं है, सो इस बड़े शहर में टिके रहने लिए वह लड़कियों का दलाली शुरू कर देता है।
वहीं इस फिल्म का दूसरा किरदार टीकू(अवनीत कौर) जो भोपाल की रहने वाली है। टीकू का सपना भी हीरोइन बनने का है। एक दिन शेरू का रिश्ता टीकू के पास आता है लेकिन टीकू उसे मना कर देती है, फिर टीकू का बॉयफ्रेंड उसे कहता है कि इस शादी के बहाने वह मुंबई आ सकती है। इसके बाद टीकू और शेरू की शादी हो जाती है। फिर जब टीकू मुंबई आती है तो वह शेरू के घर से भाग जाती है और फिर उसे पता चलता है की उसका बॉयफ्रेंड पहले से शादी शुदा है। अब शेरू के पास टीकू वापिस आती है तो शेरू उसे अपनाता है या नहीं, यह जानने के लिए देखें प्राइम वीडियो पर‘टीकू वेड्स शेरू’।
कैसी है कलाकारों की एक्टिंग ?
अवनीत कौर ने इस फिल्म से डेब्यू किया है, अवनीत की यह पहली मूवी है तो उस हिसाब से उसने अच्छी एक्टिंग की है। अवनीत ने किरदार को जिया तो है लेकिन संवाद में वो मात खाती दिख रही है। नवाजुद्दीन सिद्दिकी की एक्टिंग भी अच्छी है, लेकिन कहीं कहीं उनकी एक्टिंग को देख लगता है कुछ मिसिंग है। फिल्म पूरी नवाजुद्दीन के इर्द गिर्द घूमती है तो बाकी कलाकारों की एक्टिंग ज्यादा महत्व नहीं रखती दिख रही है।
कैसा है निर्देशन?
इस फिल्म की कहानी में कुछ रोमांच नहीं दिखता है, फिल्म देखने के 20 मिनट बात ही लगता है की अंत क्या होगा। कहानी फिल्म किया ठीक ठाक है लेकिन फिल्म का स्क्रिप्ट और निर्देशन इसे थोड़ा बोरिंग बना दिया है। फिल्म के कुछ ऐसे कॉमेडी सीन हैं जिसे देखने के बाद हसीं बिल्कुल भी नहीं आती है। कहा जाए तो फिल्म के स्क्रिप्ट पर और काम करने की जरूरत थी।
रिव्यु
फिल्म की बात करें तो फिल्म अपने स्क्रिप्ट में ही मात खा गई। ये अच्छा है की फिल्म ज्यादा लंबे समय का नहीं है तो इस फिल्म का सीन भी जल्दी जल्दी खत्म हो रहा है। फिल्म के स्क्रिप्ट के वजह से हम फिल्म से कनेक्ट नहीं हो पाते हैं, कई सीन अधूरे लगते हैं। जैसे टीकू को जब पता चलता है की उसका बॉयफ्रेंड ने उसे धोखा दिया है तो वह सुसाइड करने की कोशिश करती है, हालांकि टीकू का दर्द हम तक नहीं पहुंच पाता है जिसका मुख्य कारण फिल्म के स्क्रिप्ट और निर्देशन पर जाता है। फिल्म में कई ऐसे सीन हैं जिसे जबरदस्ती डाला गया है, इससे कहानी पर भी असर पड़ा, साथ साथ किरदार अपने रोल को जस्टिस करता नहीं दिख पाया।
फिल्म देखने या ना देखने की बात करें तो फिल्म की अवधि भी 2 घंटे से कम की है, अगर आप नवाजुद्दीन के फैन हैं और उन्हें स्क्रीन पर देखना है, तो इस देखा जा सकता है।
रेटिंग 2.5/5