यश राज बैनर के तले बनी फिल्म ‘द ग्रेट इंडियन फैमिली’ आज रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म को लेकर भी काफी बज बना हुआ था, तो चलिए जानते हैं कैसी है फिल्म!
क्या है फिल्म की कहानी?
फिल्म की कहानी बलरामपुर के एक पुश्तेनी पंडित परिवार भजन कुमार (विक्की कौशल) की है। यह परिवार शहर में पूजा-पाठ और भजन-कीर्तन करवाने का काम करवाता है। भजन कुमार का सिंगर होने के कारण शहर के लोगों में इनकी काफी चर्चा है। अपनी उम्र के हिसाब से वह दिल फेक भी हैं और दिन भर दोस्तों के साथ इधर उधर घूमते भी रहते हैं। इनकी जिंदगी में एक जबरदस्त मोड़ तब आता है जब इनके परिवार को एक गुमनाम पत्र मिलता है, जिसमें लिखा होता है कि भजन कुमार ब्राह्मण नहीं बल्कि मुस्लमान है, और इनका नाम बादशाह खान है। इसके बाद समाज और खासकर परिवार का नजरिया भजन कुमार के प्रति पूरी तरह से बदल जाता है। अब कहानी में आगे क्या होता है? भजन कुमार को किन किन समस्याओं से जूझना पड़ता है? यह सब जानने के लिए आपको थिएटर जाकर फिल्म देखनी होगी!
कैसा है कलाकारों की एक्टिंग?
फिल्म में एक्टिंग की बात करें तो हर कलाकार ने शानदार एक्टिंग की है। भजन कुमार के किरदार में विक्की कौशल ने अपने अदाकारी से रोल को जिया है। मानुषि छिल्लर ने भी अच्छी एक्टिंग की है, हालांकि अपनी पहली फिल्म के तरह वह अपना छाप नहीं छोड़ पाई। कुमुद मिश्रा हर बार की तरह फिल्म में चार चांद लगा रहे हैं। बाकी कलाकारों ने भी अच्छी एक्टिंग की है।
कैसा है फिल्म का निर्देशन?
इस फिल्म के निर्देशन की कमान विजय कृष्ण आचार्य ने अपने हाथों में ले रखी थी, विजय पहले ही अपना जलवा दिखा चुके हैं। इस बार भी विजय ने अच्छा काम किया है। विजय ने फिल्म को एकदम सटीक रखा, हालांकि फिल्म के स्क्रिप्ट में थोड़ी कमी है जिस वजह से सेकंड हाफ पैक्ड नहीं लगता है।
रिव्यू
फिल्म का पहला भाग बहुत ही मनोरजन करता है, वहीं फिल्म इंटरवल के बाद बहुत ही साम्प्रदायिक हो जाता है। जिस तरह से फिल्म का पहला भाग कॉमिक होता है, वहीं फिल्म का दूसरा भाग आपको उलझा देता है। भजन कुमार के किरदार को अचानक धर्म में उलझना थोड़ा आपको परेशान भी करेगा, क्योंकि स्क्रिप्ट में थोड़ी कमी रह गई है।
विजय जिस सब्जेक्ट के साथ लेकर उतरे थे, फिल्म के कमजोर स्क्रिप्ट होने के कारण वह उतने प्रभावशाली ढंग से नहीं कह पाए। फिल्म का क्लाइमैक्स भी दमदार नजर नहीं आता है। हालांकि फिल्म की अवधि छोटी है, जिस वजह से फिल्म बोरिंग नहीं लगता है।
फिल्म की दूसरी अहम खामी की बात करें तो फिल्म की म्यूजिक बहुत ही कमजोर पड़ जाती है। थिएटर से निकलने के बाद आपको फिल्म का गाना याद करने के लिए दिमाग पर जोर डालना होगा। कुल मिलाकर कहा जाए तो फिल्म स्क्रिप्ट और म्यूजिक के वजह से कमजोर पड़ गई है, कलाकारों ने अच्छी एक्टिंग की है। अब देखना दिलचस्प होगा की थिएटर में टिकी शाहरुख खान की जवान के बीच यह फिल्म कैसा परफॉर्म करती है!
रेटिंग 2/5