राज बब्बर एक बहुमुखी अभिनेता हैं जिन्होंने व्यावसायिक ब्लॉकबस्टर से लेकर आर्टहाउस ड्रामा तक कई तरह की फिल्मों में अभिनय किया है।
वह अपने सशक्त अभिनय के लिए जाने जाते हैं, अक्सर जटिल और चुनौतीपूर्ण किरदार निभाते हैं। राज बब्बर ने कई यादगार फिल्मों में भी अभिनय किया है, जिनमें हम पांच (1980), आज की आवाज (1984), अगर तुम ना होते (1983), दलाल (1993), याराना (1995), घायल (1990), द लीजेंड ऑफ भगत सिंह (2002) शामिल हैं।
आज राज बब्बर के जन्मदिन के अवसर पर हम उनकी कुछ बेहतरीन फिल्मों पर एक नजर डालते हैं:
इन्साफ का तराजू (1980):
इस कोर्टरूम ड्रामा में राज बब्बर एक वकील की भूमिका निभाते हैं जो हत्या की आरोपी महिला का बचाव करता है।
फिल्म आलोचनात्मक और व्यावसायिक रूप से सफल रही और बब्बर के अभिनय की आलोचकों ने प्रशंसा की।
कलयुग (1981):
यह सामाजिक नाटक आधुनिक समाज की बुराइयों का एक सशक्त आरोप है। इस फिल्म की कहानी दो बिजनेस फैमिली और दो भाईयों के बीच सरकारी ठेका हासिल करने के षड़यंत्र पर थी।
राज बब्बर ने भ्रष्ट एक युवक की भूमिका में यादगार अभिनय किया था।
झूठी (1985):
इस कॉमेडी-ड्रामा में राज बब्बर एक ऐसे व्यक्ति की भूमिका निभाते हैं जिस पर हत्या का झूठा आरोप लगाया जाता है।
यह फिल्म एक गंभीर विषय पर हल्की-फुल्की कहानी है और बब्बर का अभिनय मजेदार और मार्मिक दोनों है।
रुदाली (1993):
समीक्षकों द्वारा प्रशंसित इस नाटक में राज बब्बर एक ऐसे व्यक्ति की भूमिका निभाते हैं जो अपनी पत्नी की याद से परेशान रहता है, जिसकी रुदाली की रस्म निभाते समय मृत्यु हो गई थी।
बब्बर का प्रदर्शन फिल्म के मुख्य आकर्षणों में से एक है, और उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।
निकाह (1982):
यह फिल्म राज बब्बर और सलमा आगा द्वारा अभिनित थी जिसमें राज बब्बर ने आफाक हैदर का रोल किया था।
इस फिल्म में उनके किरदार को और शायराना अंदाज वाली उनकी एक्टिंग को लोगों ने खूब सराहा था।
राज बब्बर एक सम्मानित अभिनेता हैं जिनका हिंदी सिनेमा में एक लंबा और सफल करियर रहा है। वह अपनी बहुमुखी प्रतिभा और जटिल पात्रों को जीवंत बनाने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं।
उनकी फिल्में उनकी प्रतिभा और अपनी कला के प्रति समर्पण का प्रमाण हैं।