फिल्म जोरम के लिए अभिनेता मनोज बाजपेई को बेस्ट एक्टर अवार्ड से नवाजा गया है। इस फिल्म को डरबन फिल्म फेस्टिवल में दो अवार्ड मिल चुका है।
बॉलीवुड निर्देशक देवाशीष मखीजा द्वारा निर्देशित, ये मनोवैज्ञानिक थ्रिलर एक ऐसे इंसान की कहानी है, जो अपनी बेटी को बचाने के लिए भाग रहा है। राज्य झारखंड की कहानी पर आधारित यह फिल्म सामाजिक असमानताओं, आदिवासी समुदायों के साथ अन्याय और जंगलों की कटाई जैसे मुद्दों के बारे में है।
इस फिल्म के लिए अभिनेता मनोज बाजपेई को बेस्ट एक्टर अवार्ड से नवाजा गया है। इस फिल्म को डरबन फिल्म फेस्टिवल में दो अवार्ड मिल चुका है। अब फिल्म के प्रोडक्शन हाउस ने इंस्टाग्राम पर फिल्म के नाम दो अवॉर्ड होने की खुशी जाहिर करते हुए लिखा है, “जोरम ने प्रतिष्ठित @durbaninternationalfilmfest में शीर्ष दो पुरस्कारों के साथ चमक बिखेरी, जिसमें अत्यंत प्रतिभाशाली @bajpayee.manoj ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता और @PiyushPuty ने सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी का पुरस्कार जीता।”
हाल ही कुछ समय पहले फिल्म में अपने किरदार को लेकर मनोज बाजपेयी ने कहा था, “फिल्म जोरम अपने अतीत और वर्तमान के बीच फंसे एक आदमी की दिलचस्प कहानी है। मुझे पेचीदा किरदार डार्सू का किरदार निभाना बहुत पसंद आया, जिसके अतीत और वर्तमान में काफी अंतर है। बाहर से वह एक साधारण आदमी की तरह दिखता है जिस पर लोगों का ध्यान भी नहीं जाता, लेकिन वह किसी भी तरह से आम आदमी नहीं है। ऐसे प्रभावशाली पात्रों के साथ एक शानदार कहानी। ज़ी स्टूडियोज़ और देवाशीष मखीजा के साथ काम करना हमेशा सुखद रहा है।”