Remembering Pran: महान अभिनेता प्राण: फिल्म में हीरो पर भी पड़ते थे भारी!

  • July 12, 2023 / 02:20 AM IST

आज 12 जुलाई को महान अभिनेता प्राण कृष्ण सिकंद, जिन्हें प्राण के नाम से भी जाना जाता है, की 9वीं पुण्य तिथि है।  

प्राण हिंदी सिनेमा के सबसे बहुमुखी अभिनेताओं में से एक थे और उन्हें खलनायक के रूप में उनके प्रतिष्ठित अभिनय के लिए जाना जाता है। उन्होंने 400 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया था।

प्राण का जन्म 1920 में दिल्ली में हुआ था। उनका कभी अभिनेता बनने का इरादा नहीं था, लेकिन पान की दुकान पर एक फिल्म निर्माता ने उन्हें देखा और कास्ट कर लिया। उन्होंने 1940 में पंजाबी फिल्म “यमला जट” से अपने करियर की शुरुआत की और जल्द ही उन्होंने खुद को एक प्रतिभाशाली अभिनेता के रूप में स्थापित कर लिया।  

1950 के दशक की शुरुआत में वह बंबई चले गए और वह जल्द ही हिंदी सिनेमा में सबसे अधिक मांग वाले अभिनेताओं में से एक बन गए। प्राण के खलनायक वाले किरदार अक्सर जटिल और सूक्ष्म होते थे, और वह अपनी भूमिकाओं में खौफ और करिश्मा की भावना लाते थे। वह अपनी विशिष्ट आवाज के लिए भी जाने जाते थे, जिसका इस्तेमाल उन्होंने अपनी फिल्मों में बखूबी किया।  

प्राण के काम ने हिंदी सिनेमा में खलनायक की भूमिका को फिर से परिभाषित करने में मदद की और उन्हें खलनायकों को नायकों के बराबर लाने का श्रेय दिया जाता है।प्राण को 1997 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उन्हें 2001 में भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था। प्राण का 2013 में 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 

प्राण की विरासत अपार रचनात्मकता और प्रतिभा की है। वह अपनी कला में माहिर थे और उनका काम आज भी दुनिया भर के दर्शकों को प्रेरित और मनोरंजन करता है। उन्हें हिंदी सिनेमा इतिहास के सबसे महान अभिनेताओं में से एक के रूप में याद किया जाएगा।

आज प्राण के पुण्यतिथि पर हम उनके कुछ सबसे यादगार भूमिकाएँ लेकर आये हैं:

मधुमती (1958): 

इस क्लासिक फिल्म में प्राण ने दुष्ट जमींदार रघुवीर सिंह की भूमिका निभाई थी।  उनका प्रदर्शन हिंदी सिनेमा इतिहास में सबसे प्रतिष्ठित में से एक माना जाता है।

जिस देश में गंगा बहती है (1960): 

इस फिल्म में प्राण ने क्रूर डाकू वीर सिंह की भूमिका निभाई थी। उनके प्रदर्शन की तीव्रता और यथार्थवादिता के लिए प्रशंसा की गई।

राम और श्याम (1967): 

इस फिल्म में प्राण ने दुष्ट देवेन्द्र और दयालु राम की दोहरी भूमिका निभाई। उनके अभिनय की व्यापक रूप से प्रशंसा हुई और इसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ खलनायक का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला।

देवदास (1955): 

इस क्लासिक फिल्म में प्राण ने अमीर व्यापारी चुन्नीलाल की भूमिका निभाई थी। उनके प्रदर्शन की सूक्ष्मता और बारीकियों के लिए प्रशंसा की गई।

 

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