29 अप्रैल 2020 को न्यूरो ट्यूमर की वजह से मात्र 54 साल की उम्र में बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान की मृत्यु हो गई थी। आज उनकी तीसरी पुण्यतिथि है।
इफरान खान वैसे कलाकारों में से हैं जो मृत्यु के बाद भी फैंस के दिलों में जिंदा रहते हैं। इरफान एक सदाबहार अभिनेता हैं। अपने एक्टिंग से लोगों के दिलों पर राज करने वाले इरफान भले ही आज हमारे बीच ना हों पर वो हमेशा अपने फैंस अपने चाहने वालों के बीच बने रहेंगे।
इरफान अपनी एक्टिंग करियर की शुरुआत एनएसडी से किए थे। लेकिन उनका यह सफर उतना आसान नहीं था। बाकी परिवारों जैसा ही उनका परिवार भी था, पापा का टायर का बिजनेस था तो वो चाहते थे बेटा बिजनेस ही करे। वहीं उनकी मां चाहती थीं की इरफान लेक्चरर बनें। मां ने उनका दाखिला संत पॉल में कराया था पर इरफान के पल्ले वो ना पड़ी। फिर इरफान राजस्थान यूनिवर्सिटी से ड्रामेटिक आर्ट्स में डिप्लोमा किया। इसी बीच उन्होंने एनएसडी में अप्लाई किया था और उनका वहां एडमिशन भी हो गया था। अब मसला था घरवालों का मनाना। इरफान ने एक तरकीब निकाली और अपनी मां से कहा एनएसडी में में पढ़ने के बाद उन्हें राजस्थान में उनकी लेक्चरर की नौकरी लग जायेगी।
एनएसडी में एडमिशन होने के बाद आखिरी साल में उन्हें मीरा नायर ने कास्ट किया। दरअसल, फिल्म सलाम बॉम्बे के लिए डायरेक्टर मीरा नायर एक्टर की तलाश में एक दिन एनएसडी गईं थीं वहां उनकी नजर इरफान पर पड़ी, जो स्क्रिप्ट लिए अपने नाटक की तैयारी कर रहे थे। उन्हें देखते ही मीरा नायर ने कास्ट करने का फैसला कर लिया। अगले दिन वो फिर एनएसडी गईं, उन्होंने इरफान को फिल्म का ऑफर दिया और इरफान ने झट से हां कर दी। इरफान का बालीवुड में ये पहला मूवी था। हालांकि सिनेमा में एडिटिंग के वक्त इरफान का रोल काफी हद तक कम कर दिया गया था।