Gulzar: सिल्वर स्क्रीन के कवि, गीतकार, फिल्ममेकर गुलजार आज 88 वर्ष के हो रहे हैं!
August 19, 2023 / 11:03 AM IST
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भारत के सबसे प्रसिद्ध गीतकारों, कवियों और फिल्म निर्माताओं में से एक गुलज़ार आज 88 वर्ष के हो गए। वह अपने सरल लेकिन गहन शब्दों के लिए जाने जाते हैं, जिन्होंने दुनिया भर के लाखों लोगों के दिलों को छू लिया है।
गुलज़ार का जन्म 1934 में पंजाब के दीना में हुआ था। वह 1947 में भारत के विभाजन के बाद भारत आ गए। उन्होंने 1963 में फिल्म बंदिनी से गीतकार के रूप में अपना करियर शुरू किया। उन्होंने हिंदी सिनेमा के कुछ सबसे प्रतिष्ठित गीतों के लिए गीत लिखे, जिनमें “आज कल तेरे मेरे प्यार के चर्चे”, “मेरे मेहबूब कयामत होगी”, और “दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे” शामिल हैं।
गुलज़ार के गाने सिर्फ खूबसूरत धुनें नहीं हैं; वे कला के कार्य भी हैं। वे कल्पना, प्रतीकवाद और भावना से भरे हुए हैं। वे कहानियाँ सुनाते हैं, क्षणों को कैद करते हैं और भावनाएँ जगाते हैं। गीत लिखने के अलावा, गुलज़ार ने कविताएँ, लघु कहानियाँ और फ़िल्में भी लिखी हैं। उन्होंने मौसम, माचिस और इजाजत जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है। उन्होंने शोले, आंधी और देवदास जैसी फिल्मों की पटकथा भी लिखी है।
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गुलज़ार के काम को कई पुरस्कारों से मान्यता मिली है, जिनमें पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, 22 फिल्मफेयर पुरस्कार, एक अकादमी पुरस्कार और एक ग्रैमी पुरस्कार शामिल हैं। उन्हें 2004 में पद्म भूषण और 2013 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
गुलज़ार भारतीय सिनेमा के सच्चे दिग्गज हैं। उनके काम ने लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है और प्रेरणा और मनोरंजन जारी रखा है। वह रुपहले पर्दे के सच्चे कवि हैं। गुलज़ार शब्दों के सच्चे स्वामी हैं। उनके गीत महज़ धुनों से कहीं अधिक हैं; वे कला के कार्य हैं जो मानवीय भावनाओं की सुंदरता और जटिलता को दर्शाते हैं। वह भारतीय सिनेमा के सच्चे दिग्गज हैं और आने वाली पीढ़ियां उनके काम का आनंद लेती रहेंगी। जन्मदिन मुबारक हो गुलज़ार!