Ganapath Review: गणपत समीक्षा और रेटिंग

  • October 20, 2023 / 03:14 PM IST

Cast & Crew

  • टाइगर श्रॉफ (Hero)
  • कृति सेनन (Heroine)
  • अमिताभ बच्चन, एली अवराम, रहमान जमील खान, गिरीश कुलकर्णी, श्रुति मेनन, जैद बाकरी (Cast)
  • विकास बहल (Director)
  • विकास बहल (Producer)
  • विशाल मिश्रा (Music)
  • (Cinematography)

निर्देशक विकास बहल की फिल्म गणपत आज रिलीज हो चुकी है। यह फिल्म धमाकेदार एक्शन से भरा हुआ है। आज जब यह फिल्म रिलीज हो चुकी है तो चलिए जानते हैं कैसा है यह फिल्म!

क्या है फिल्म की कहानी?

फिल्म गणपत आज से 50 साल आगे की यानी 2070 की कहानी है, जहां धरती पर अत्याचारियों का शासन है जिनके जुल्मों से जनता त्रस्त हो चुकी है। ये सभी किसी ऐसे मसीहा के आने का इंतजार कर रहे हैं जो इन अत्याचारियों का नाश करके उन्हें उनके जुल्मों से मुक्त कराए। ऐसे में गणपत (टाइगर श्रॉफ) वो मसीहा बन कर आता है। वह टेक्नोलॉजी और अपने एक्शन के जरिए इन अत्याचारियों के खिलाफ मोर्चा खोलता है। पर क्या वो अपने इस प्रयास में सफल होता है। असल में गणपत कौन है और उसके पीछे रहस्य क्या है? यह जानने के लिए आपको सिनेमाघर जाकर फिल्म देखनी पड़ेगी।

कैसी है कलाकारों की एक्टिंग?

फिल्म में स्टारकास्ट के किरदारों को लेकर बात करें तो टाइगर अपनी बेहतरीन एक्शन से जनता पर छाप छोड़ते हैं। कृति सेनन की तो हाल ही में उन्हें नेशनल रिकॉर्ड्स और मिली-जुली फिल्म में भी वे अपने किरदार के साथ जस्टिस करते नजर आईं। अमिताभ बच्चन का कैमियो है, जो खास दमदार नहीं है। 

कैसा है निर्देशन?

फिल्म का निर्देशन और निर्देशन निर्देशन विकास द्वारा बहाल किया गया। जिसमें वो दोनों ही मोर्चों पर शानदार प्रदर्शन नहीं कर पाए, फिल्म की कहानी लोगों को काफी कन्फ्यूज करती है। डेवलपमेंट रिस्टोर ने फिल्म के जरिए एक नया एक्सपेरिमेंट करने की कोशिश की है।

रिव्यू

इस फिल्म से विकास बहल ने दूसरे कॉन्सेप्ट की कहानी लेकर आए हैं, हालांकि उनकी यह कहानी दर्शकों को काफी कन्फ्यूज कर रही है।

फिल्म की कास्टिंग अच्छी है, हालांकि अमिताभ बच्चन, टाइगर श्रॉफ और कृति सेनन जैसे स्टार-कलाकार का फ़ायदा उठाने में विकास विफल हो रहे हैं। भविष्य की पृष्ठभूमि पर बुने में चित्रित अभिनेता-बिखरे नजर आते हैं, क्योंकि कहानी के मुख्य पात्र भारतीय हैं, मगर अमीर-गरीबों की बस्तियों में लोग और कन्फ्यूज हो जा रहे हैं।

फिल्म के एक्शन पर विकास बहल ने काफी मेहनत की है। गरीब बस्ती का उजड़ा हुआ सेट हॉलीवुड फिल्मों की तरह लगता है। गरीबों का लुक और बेबसी कई फिल्मों की याद दिलाती है, मगर कई जगहों पर वीएफएक्स की कमज़ोर झलक नजर आती है। मुख्य कलाकारों के लुक भी बहुत सारे हैं। एक बॉक्सिंग मैच को नोबेल गणपत का गरीब को बर्बादी से मुक्ति का तर्क हज़म नहीं होता। फिल्म की कहानी के साथ साथ म्यूजिक भी काफी कमजोर है। जिस वजह से यह फिल्म फीकी पड़ गई है।

रेटिंग 1.5/5 

Rating

1.5
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