आज भारतीय सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना की 11वीं पुण्य तिथि है। खन्ना का जन्म 29 दिसंबर, 1942 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था।
उन्होंने 1966 में फिल्म “आखिरी खत” से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। खन्ना ने “आराधना”, “आनंद”, “कटी पतंग” और “अमर प्रेम” सहित कई हिट फिल्मों में अभिनय किया। वह अपने करिश्माई व्यक्तित्व, अपने अच्छे लुक और दर्शकों से जुड़ने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते थे।
खन्ना की लोकप्रियता अभूतपूर्व थी। 1970 के दशक में वह भारत के सबसे लोकप्रिय अभिनेता थे और उनकी फैन फॉलोइंग बेजोड़ थी। उनके फैंस उन्हें “काका” के नाम से जानते थे और वे अक्सर उनकी एक झलक पाने की उम्मीद में उनके घर के बाहर डेरा डाले रहते थे। खन्ना की फिल्में भी बॉक्स ऑफिस पर बेहद सफल रहीं। उनके नाम बॉक्स ऑफिस पर सबसे ज्यादा फिल्मों के 100 करोड़ का आंकड़ा पार करने का रिकॉर्ड है।
खन्ना की सफलता चुनौतियों से रहित नहीं थी। उनके अभिनय कौशल के लिए अक्सर उनकी आलोचना की जाती थी, और वह अपने अस्थिर स्वभाव के लिए भी जाने जाते थे। हालाँकि, उनके प्रशंसक उन्हें बिना शर्त प्यार करते थे, और वह 2012 में दुनिया को अलविदा कहने तक भारत में सबसे लोकप्रिय अभिनेताओं में से एक बने रहे। खन्ना की विरासत बहुत बड़ी है। उन्हें सर्वकालिक महान अभिनेताओं में से एक माना जाता है, और उन्होंने हिंदी फिल्म उद्योग को आज के स्वरूप में आकार देने में मदद की। उनकी फिल्में आज भी लोकप्रिय हैं और उनके प्रशंसक आज भी उन्हें बड़े चाव से याद करते हैं।
आज के दिन हम भारतीय सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना को याद करते हैं। उनकी फिल्में, उनका व्यक्तित्व और उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों तक संजोकर रखी जाती रहेगी।
राजेश खन्ना की कुछ सबसे प्रतिष्ठित फ़िल्में:
आराधना (1969)
आनंद (1971)
कटी पतंग (1971)
अमर प्रेम (1972)
दो रास्ते (1969)
बावर्ची (1972)
स्वर्ग (1999)
रोटी (1974)
राजेश खन्ना के कुछ पुरस्कार और सम्मान:
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार (1969, 1971, 1972, 1975, 2005)
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार (1972)
पद्म भूषण पुरस्कार (2013)
भारतीय सिनेमा पर राजेश खन्ना का प्रभाव:
खन्ना को सर्वकालिक महान अभिनेताओं में से एक माना जाता है, उन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को आज के स्वरूप में आकार देने में मदद की। उनकी फिल्में आज भी लोकप्रिय हैं और उनके प्रशंसक आज भी उन्हें बड़े चाव से याद करते हैं।