बीते रविवार की शाम को बॉलीवुड और मराठी अभिनेत्री सुलोचना लाटकर का निधन हो गया। अभिनेत्री 94 वर्ष की थी, वह उम्र संबंधित स्वास्थ्य समस्या से जूझ रही थीं। कल तबियत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
भारतीय फिल्म उद्योग के लिए यह एक दुखद क्षण है जब बॉलीवुड और मराठी अभिनेत्री सुलोचना लाटकर ने दुनिया को अलविदा कह दिया, और अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गई जो उनके प्रशंसकों के दिलों में हमेशा के लिए अंकित हो जाएगी। उनके निधन की खबर ने अनगिनत प्रशंसकों और सहकर्मियों को दुखी कर दिया है, जो उन्हें कई दशकों के शानदार करियर के साथ एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री के रूप में याद करते हैं।
27 जनवरी, 1928 को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में जन्मी सुलोचना लाटकर को सिनेमा की दुनिया में अपनी पहचान बनानी थी। उन्होंने मराठी थिएटर में अपनी अभिनय यात्रा शुरू की और जल्द ही फिल्मों के क्षेत्र में कदम रखा। अपने मोहक प्रदर्शन और प्राकृतिक करिश्मे के साथ, वह महाराष्ट्र और देश भर में दर्शकों के बीच एक प्रिय व्यक्ति बन गईं।
सुलोचना लाटकर ने 1951 में मराठी फिल्म “झुंझ” से सिल्वर स्क्रीन पर शुरुआत की। उन्होंने “पथलाग” (1954), “मुंबईचा जवाई” (1956), और “गोदान” (1963) सहित कई समीक्षकों द्वारा प्रशंसित मराठी फिल्मों में अभिनय किया। जटिल भुमिकाओं के उनके बारीक चित्रण ने उन्हें प्रशंसा हासिल कराई और उन्हें मराठी और बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में एक प्रमुख अभिनेत्री के रूप में स्थापित किया।