निर्देशक अली अब्बास जफर के निर्देशन में बनी फिल्म ‘ब्लडी डैडी’ में शाहिद कपूर धमकेदार एक्शन परफॉर्म करते नजर आ रहे हैं। यह फिल्म 2011 में आई फ्रेंच फिल्म ‘स्लीपलेस नाइट’ की एडेप्टेशन है। यह फिल्म ओटीटी प्लेटफार्म जियो सिनेमा पर आज रिलीज हुई है।
क्या है फिल्म की कहानी?
कहानी नारकोटिक्स विभाग में काम करने वाले सुमेर (शाहिद कपूर) की है। सुमेर और उसके साथी (जीशान सिद्दीकी) दिल्ली में ड्रग्स ले जा रही एक कार का पीछा करते हुए ड्रग्स से भरे एक बैग को अपने कब्जे में ले लेता है। यह बैग होटल की आड़ में ड्रग्स का धंधा करने वाले सिकंदर (रोनित राय) का होता है।
इस ड्रग्स की कीमत बाजार में करीब पचास करोड़ रुपये होती है। अब सिंकदर उस बैक को वापस पाने के लिए नारकोटिक्स ऑफिसर सुमेर के बेटे को बंदी बना लेता है। अब बेटे को छुड़ाने के लिए सुमेर बैग लेकर होटल में पहुंचता है, लेकिन उसे बाथरूम में छुपा देता है। इस बीच सुमेर का पीछा कर रही अदिति (डायना पेंटी) बैग को हटा देती है और इस बात की जानकारी एंटी करप्शन ब्यूरो के चीफ समीर (राजीव खंडेलवाल) को देती है।
अदिति समझती है की उसका बॉस ईमानदार ऑफिसर है पर वह भ्रष्ट ऑफिसर है। कहानी फिर आगे बढ़ती है, कैसे सुमेर इन सब परिस्थितियों से गुजरते हुए अपने बेटे को बचाता है।
कैसी है एक्टिंग ?
शाहिद कपूर सुमेर के रोल में स्क्रीन पर कमाल करते दिखाई दे रहे हैं। शाहिद का एक्शन का अंदाज काफी अलग दिखाई देता है पर फिल्म के दौरान शाहिद का एक्शन कबीर सिंह और उनकी हाल ही आई सीरीज ‘फर्जी’ से मिलता जुलता दिखाई देता है। शाहिद अपने किरदार में एकदम फिट बैठ रहे हैं।
रोनित रॉय ड्रग माफिया का किरदार निभा रहे हैं। उनकी भी एक्टिंग काबिलेतारिफ है। डायना पेंटी का काम भी देखने लायक है। राजीव खंडेलवाल की भी उपस्थिति अच्छी है। संजय कपूर माफिया के रोल में अनिल कपूर को कॉपी करते हुए नजर आते हैं। बाकी कास्ट ने भी अच्छा काम किया है।
निर्देशन:
फ्रेंच फिल्म ‘स्लीपलेस नाइट’ से अडैप्टेड यह एक्शन थ्रिलर है। फिल्म की कहानी सिर्फ 24 घंटों में समाई है। कोविड के दौरान शूट की गई, पूरी फिल्म ड्रग्स और उसकी डिलीवरी वाले बैग के इर्द-गिर्द घूमती है। सुमैर की इस कहानी में अली अब्बास जफर किस तरह होटल के कर्मचारी, वहां के गेस्ट को भी शामिल कर लेते हैं, वह दिलचस्प है। फिल्म कोविड के दौरान सिर्फ एक होटल में शूट की गई थी, लिहाजा निर्देशक उस होटल के हर हिस्से का उपयोग कर जाते हैं, वॉशरूम से लेकर डांस फ्लोर, कमरे और किचन तक। फिल्म में अली अब्बास जफर का वास्तव में काफी अच्छा है।
रिव्यु:
‘कबीर सिंह’ के बाद से शाहिद कपूर एक के बाद एक एक्शन फिल्म कर रहे हैं और उन्होंने हमेशा अच्छा परफार्मेंस दिया है। पर इस फिल्म में कबीर सिंह वाला एग्रेशन देखने को नहीं मिला। इसके पीछे का कारण फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर भी हो सकता है। कबीर सिंह में शाहिद कपूर की एक्टिंग को बैकग्राउंड स्कोर का सहार मिला था। लेकिन, ‘ब्लडी डैडी’ में ऐसा नहीं हो पाया। शाहिद की एक्टिंग तो अच्छी रही पर, बैकग्राउंड स्कोर की गैरमौजूदगी ने उनके एक्सप्रेशंस और डायलॉग्स का मजा आधा कर दिया।
फिल्म की कहानी जो लगभग एक रात पर आधारित है ऐसे में एक रात की कहानी को कहना किसी भी फिल्म निर्देशक के लिए एक बड़ी चुनौती से कम नहीं होता है। अली ने बाकी अच्छे कास्ट चुने हैं जो फिल्म को बांधे रखते हैं।
हालांकि फिल्म के स्टोरी में थोड़ी कमी है। वजह है सुमैर की जिंदगी से जुड़ी बातें को बहुत कम दिखाया गया, जिसकी वजह से दर्शक सुमैर से इमोशनली कनेक्ट नहीं हो पाए। शायद इसलिए मात्र दो घंटे की ‘ब्लडी डैडी’ बड़ी लगने लगती है।
यह फिल्म इस वीकेंड पर देखने लायक है। खास कर उनके लिए को कबीर सिंह के फैन हैं। शाहिद ने अच्छी एक्टिंग की है। उम्मीद है लोग सुमेर को न सही पर कबीर सिंह को हीं ढूंढ कर फिल्म एंजॉय कर सकें।
रेटिंग: 3.5/5