Blind Review in Hindi: ब्लाइंड समीक्षा और रेटिंग

  • July 7, 2023 / 04:40 PM IST

Cast & Crew

  • पूरब कोहली (Hero)
  • सोनम कपूर (Heroine)
  • विनय पाठक, लिलेट दुबे, शुभम सराफ, दानेश राजवी (Cast)
  • शोम मखीजा (Director)
  • सुजोय घोष (Producer)
  • क्लिंटन सरेजो (Music)
  • गैरिक सरकार (Cinematography)

सोनम कपूर पिछले काफी समय से परदे से दूर चल रहीं थी। अब सोनम अपनी फिल्म ब्लाइंड से ओटीटी डेब्यू कर चुकी हैं। सोनम की यह फिल्म आज ओटीटी प्लेटफार्म जियो सिनेमा पर रिलीज हुई है। चलिए जानते हैं कैसा है सोनम का यह फिल्म?

कैसी है फिल्म की कहानी?

इस फिल्म की कहानी एक पुलिस ऑफिसर जिया (सोनम कपूर) की है जो एक घटना के दौरान अपना भाई और अपनी आंखें खो देती है। फिर उसे पुलिस की नौकरी से भी निकाल दिया जाता है। इसी बीच शहर से लड़कियों के गायब होने की खबर आने लगती है। एक दिन पुलिस ऑफिसर जब घर जा रही होती है तो उसके एहसास होता है की कार के डिक्की में कोई है। फिर उसे कैब ड्राइवर(पूरब कोहली) पर शक हो जाता है। अब यह कहानी आगे बढ़ती है की पुलिस को कैब ड्राइवर पर शक होता है, और अब यह उसे पकड़ने के लिए पीछे लग जाती है। अब जिया कैब ड्राइवर को पकड़ पाती है या नहीं यह जानने के लिए देखें जी सिनेमा पर ब्लाइंड!

कैसी है कलाकारों की एक्टिंग?

सोनम कपूर लगभग 4 साल बाद परदे पर वापसी कर रही हैं। इस फिल्म में उन्होंने जिया के किरदार में जान फूंक डाला है। फिल्म में सोनम ने एक्शन सीन को अच्छी तरह से निभाया है। पूरब कोहली साइको किलर के रूप में अच्छी एक्टिंग कर रहे हैं लेकिन उनके किरदार में ही थोड़ी कमी रह गई है। बाकी कास्ट ने भी ठीक ठाक एक्टिंग की है।

कैसा है निर्देशन?

इस फिल्म का शोम मखीजा ने निर्देशन किया है। फिल्म की लोकेशन अच्छी है लेकिन फिल्म में थ्रिल की कमी रह गई है। फिल्म की कहानी में भी थोड़ी कमी लग रही है। सोनम से उन्होंने अच्छा काम कराया है लेकिन पूरब के टैलेंट को बाहर निकालने में वो कामयाब नहीं हो पाए। फिल्म की कहानी अच्छी है, लेकिन शोम इसे दर्शकों को धमाकेदार अंदाज में दे नहीं पाए।

रिव्यू

ब्लाइंड फिल्म को सुजॉय घोष ने बनाया है, जो हमेशा ऐसी थ्रिल फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। लेकिन इस बार उनकी फिल्म थ्रिल देने में नाकामयाब हो गई। फिल्म की कहानी अच्छी थी लेकिन फिल्म के निर्देशन में शोम मखीजा ने गड़बड़ी कर दी जिससे अच्छी कहानी वाली फिल्म भी स्लो हो जाती है। 

फिल्म 2 घंटे की है लेकिन इसी में बोर कर देती है, किरदार से साफ झलकता है की इसे जबरदस्ती खींचा गया है। फिल्म का क्लाइमैक्स भी प्रीडिक्टबल है जिससे रोमांच पैदा नहीं हो पाता है। बात सिनेमेटोग्राफी की करें तो गैरिक ने अपना जलवा दिखा दिया है। कुल मिलाकर कहें तो फिल्म देखा जा सकता है, अंधे के किरदार में सोनम ने अच्छी एक्टिंग की है तो सोनम के लिए फिल्म देखा जा सकता है।

रेटिंग: 2/5

 

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