मुकेश हिंदी सिनेमा के इतिहास में सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली पार्श्व गायकों में से एक थे। उनकी भावपूर्ण आवाज़ और अभिव्यंजक अदायगी ने बॉलीवुड इतिहास के कुछ सबसे यादगार गीतों को जीवंत कर दिया।
मुकेश का जन्म 1923 में दिल्ली में हुआ था। उन्होंने 1940 के दशक की शुरुआत में एक रिकॉर्डिंग कलाकार के रूप में अपना करियर शुरू किया और जल्द ही उद्योग में सबसे अधिक मांग वाले गायकों में से एक बन गए। उन्होंने रोमांटिक कॉमेडी से लेकर सामाजिक ड्रामा और महाकाव्य ऐतिहासिक फिल्मों तक कई तरह की फिल्मों के लिए गाने गाए।
मुकेश की आवाज़ अपनी बहुमुखी प्रतिभा के लिए जानी जाती थी। वह हल्के, रोमांटिक अंदाज में या गहरे, भावपूर्ण अंदाज में समान सहजता से गा सकते थे। वह ग़ज़लों के भी उस्ताद थे, और इन पारंपरिक उर्दू प्रेम गीतों की उनकी प्रस्तुतियाँ आज भी क्लासिक्स मानी जाती हैं।
मुकेश के कुछ सबसे लोकप्रिय गीतों में शामिल हैं:
“जीना यहां मरना यहां”
“किसी की मुस्कुराहटों पे”
“सावन का महीना”
“कहीं दूर जब दिन ढल जाए”
“चाँद सी मेहबूबा हो”
“बोल राधा बोल”
“एक प्यार का नगमा है”
“दुनिया बनानेवाले”
“ये मेरा दीवानापन है”
मुकेश के गाने सिर्फ आकर्षक धुनों से कहीं अधिक हैं। वे गहरी भावना की अभिव्यक्ति भी हैं, चाहे वह प्यार हो, हानि हो, लालसा हो या निराशा हो। उनकी आवाज़ में आंतरिक स्तर पर लोगों से जुड़ने की क्षमता थी और उनके गीतों का आज भी हर उम्र के दर्शक आनंद लेते हैं।