नितिन देसाई भारतीय सिनेमा में सबसे प्रशंसित कला निर्देशकों में से एक थे। उनका काम पिछले कुछ दशकों की कुछ सबसे लोकप्रिय और समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्मों में दिखाया गया है, जिनमें लगान, देवदास और जोधा अकबर शामिल हैं। देसाई के सेट उनके जटिल विवरण, उनकी ऐतिहासिक सटीकता और दर्शकों को दूसरे समय और स्थान पर ले जाने की उनकी क्षमता के लिए जाने जाते थे। बीते दिन उन्होंने मौत को गले लगा लिया। आज हम नितिन देसाई के कुछ बेहतरीन फिल्मों का ब्योरा लेकर आए हैं, यहां कुछ फिल्में हैं जिनमें नितिन देसाई ने काम किया है:
लगान (2001): यह ऐतिहासिक नाटक भारतीय ग्रामीणों के एक समूह की कहानी कहता है जो ब्रिटिश क्रिकेट टीम को एक मैच के लिए चुनौती देते हैं। फिल्म के लिए देसाई के सेट को उस अवधि के अनुरूप सावधानीपूर्वक बनाया गया था, और फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ मूल स्कोर और सर्वश्रेष्ठ कला निर्देशन सहित तीन अकादमी पुरस्कार जीते।
देवदास (2002): यह महाकाव्य प्रेम कहानी औपनिवेशिक भारत पर आधारित है और इसमें शाहरुख खान और ऐश्वर्या राय बच्चन हैं। फिल्म के लिए देसाई के सेट शानदार थे और उन्होंने एक शानदार और रोमांटिक माहौल बनाने में मदद की। फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ कला निर्देशन सहित दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते।
जोधा अकबर (2008): यह ऐतिहासिक रोमांस मुगल सम्राट अकबर और उनकी राजपूत पत्नी जोधा की कहानी कहता है। फिल्म के लिए देसाई के सेट भव्य और समृद्ध थे, और उन्होंने भव्यता की भावना पैदा करने में मदद की। फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ कला निर्देशन सहित दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते।
1942: ए लव स्टोरी (1994): यह पीरियड ड्रामा एक युवा जोड़े की कहानी कहता है जो भारत के विभाजन के दौरान प्यार में पड़ जाते हैं। फिल्म के लिए देसाई के सेट वायुमंडलीय और विचारोत्तेजक थे, और उन्होंने समय और स्थान की समझ पैदा करने में मदद की। फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ कला निर्देशन सहित दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते।
हम दिल दे चुके सनम (1999): इस रोमांटिक ड्रामा में सलमान खान, अजय देवगन और काजोल हैं। फिल्म के लिए देसाई के सेट सुंदर और रोमांटिक थे, और उन्होंने प्यार और लालसा की भावना पैदा करने में मदद की। फिल्म आलोचनात्मक और व्यावसायिक रूप से सफल रही और इसने सर्वश्रेष्ठ कला निर्देशन सहित दो फिल्मफेयर पुरस्कार जीते।
ये उन कई बेहतरीन फिल्मों में से कुछ हैं जिन पर नितिन देसाई ने काम किया था। उनका काम लगातार प्रभावशाली रहा था, और वह आज भारत के सबसे प्रतिभाशाली कला निर्देशकों में से एक थे। उनका अचानक जाना इंडस्ट्री के लिए बहुत बड़ी क्षति है।