मनोज पाहवा , अंजुमन सक्सेना , प्रतीक पचौरी , व्यास हेमंग , शशि वर्मा और मुकेश तिवारी (Cast)
नितेश तिवारी (Director)
साजिद नाडियाडवाला और अश्विनी अय्यर तिवारी (Producer)
मिथुन, तनिष्क बागची (Music)
(Cinematography)
फिल्म बवाल आज ओटीटी प्लेटफार्म अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म में वरुण धवन और जान्हवी कपूर मुख्य भूमिकाए में हैं। चलिए जानते हैं कैसी फिल्म!
क्या है फिल्म की कहानी?
फिल्म की कहानी लखनऊ में एक स्कूल टीचर अज्जू भैया उर्फ अजय दीक्षित (वरूण धवन) और उनकी पत्नी निशा दीक्षित (जाह्नवी कपूर) की है। अज्जू दिखावटी जिंदगी जीता है, अज्जू अपनी छवि को चमकाने के लिए आसपास के लोगों से बहुत सारे झूठ बोल रहा है। लेकिन अज्जू और निशा की पारिवारिक जीवन सुखी नहीं है क्योंकि दोनों के बीच अकसर कहासुनी हो जाती है।
अब कहानी एक नया मोड़ तब लेती है जब एक दिन स्कूल में कुछ ऐसा होता है कि उसे सस्पेंड कर दिया जाता है, फिर वह अपनी इमेज बचाने के लिए यूरोप जाकर दूसरे विश्व युद्ध को पढ़ाने का कॉन्सेप्ट देता है। वह वहा जाकर इन जगहों के बारे में बच्चों को पढ़ाता है, अब अज्जू अपनी पत्नी के साथ रिश्ता ठीक कर पाता है या नहीं, अज्जू अपनी नौकरी बचा पाता है या नहीं, इन सवालों के जवाब जानने के लिए देखें अमेजन प्राइम वीडियो पर बवाल।
कैसी है कलाकारों की एक्टिंग?
अज्जू की भूमिका में वरूण धवन का एक्टिंग अच्छा है। उन्होंने अज्जू के दोहरे जीवन जीने के चरित्र को बहुत सधे अंदाज में दर्शाया है। अपनी झूठी छवि के प्रति बेहद सजग रहने से लेकर केयरिंग और सच्चे पति की भूमिका में आने तक, वरुण ने वाकई अच्छी एक्टिंग की है। लेकिन कहीं न कहीं वरुण इस किरदार में थोड़ा खटकते हैं।
जाह्नवी कपूर निशा की भूमिका में अच्छी एक्टिंग की हैं। इंडिपेंडेंट वूमेन निशा के किरदार जान्हवी बिल्कुल फिट बैठी हैं, लेकिन जान्हवी को अपने एक्सप्रेशन पर थोड़ा काम करना होगा। पिता की भूमिका में मनोज पाहवा बेजोड़ हैं। अज्जू के दोस्त की भूमिका में प्रतीक पचौरी का अभिनय शानदार है। बाकी कलाकारों ने भी अच्छी एक्टिंग की है।
कैसा है निर्देशन?
फिल्म में निर्देशन की बात करें, तो फिल्म का फर्स्ट हाफ मजेदार और हल्की-फुल्की कॉमिडी के साथ बनाया गया है। हालांकि निर्देशक ने कहानी और किरदारों को स्थापित करने में थोड़ा ज्यादा समय खर्च कर दिया है, इसलिए फिल्म थोड़ी स्लो लगाती है। इंटरवल के बाद कहानी अपने असली मकसद पर आती है और मजेदार बनती है। इंटरवल के बाद से नितेश फिल्म को एक अलग ट्रीटमेंट देते हैं।
रिव्यू:
द्वितीय विश्व युद्ध की कहानियां तो हम सभी ने पढ़ी हैं, लेकिन इतिहास से सबक लेना जरूरी है। यही सबक अश्विनी अय्यर तिवारी लिखित ‘बवाल’ में बहुत मनोरंजक अंदाज में नितेश ने देने की कोशिश की है।
बदलापुर, सुई धागा और अक्टूबर जैसी फिल्मों के बाद ‘बवाल’ से एक बार फिर वरुण धवन ने अच्छी फिल्म दी है। लेकिन, फिल्म के कास्ट को लेकर बात करें तो जैसा किरदार लिखा गया था उस हिसाब से कास्ट को चुना नहीं गया। दरअसल, लोग वरुण को एक शिक्षक के किरदार से कनेक्ट नहीं कर पाते हैं जिससे यह मुश्किल हो जाता है की दर्शक अज्जू और वरुण को कनेक्ट कर सकें। यही हाल निशा यानी जान्हवी कपूर के साथ भी है।
नीतेश तिवारी का डायरेक्शन अच्छा है लेकिन नीतेश तिवारी ने अपने लिए जो बैंचमार्क सेट किया है उसे वो पार नहीं कर पाए, यह फिल्म दंगल औऱ छिछोरे के लेवल की नहीं लगती है। फिल्म देखकर आपको लगेगा की कुछ मिसिंग है और वह होगा नितेश तिवारी का टच, नितेश इस फिल्म में अपना वो बवाल वाला टच नहीं दे पाए। फिल्म में सिनेमेटोग्राफर ने अच्छा काम किया है लेकिन फिल्म की म्यूजिक कमजोर पर गई है। कुल मिलाकर कहा जाए तो फिल्म देखने लायक है, वर्ल्ड वार 2 को दिखाती यह फिल्म को देखा जा सकता है।
रेटिंग: 2/5
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