अनिल कपूर भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे बहुमुखी और सफल अभिनेताओं में से एक हैं। उन्होंने एक्शन से भरपूर ब्लॉकबस्टर से लेकर रोमांटिक ड्रामा से लेकर समीक्षकों द्वारा प्रशंसित इंडीज़ तक कई तरह की फिल्मों में अभिनय किया है। आज अनिल कपूर इंडस्ट्री में 40 साल पूरे कर चुके हैं, इस अवसर पर उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर अपनी जर्नी से जुड़ी किस्से शेयर किए हैं। आज अनिल कपूर के 40 साल पूरे होने पर हम उनकी 10 सर्वश्रेष्ठ फिल्में लेकर आए हैं, चलिए एक नजर डालते हैं उन फिल्मों पर:
मिस्टर इंडिया (1987): इस क्लासिक सुपरहीरो फिल्म में कपूर ने एक सौम्य फोटोग्राफर की भूमिका निभाई थी जो एक सीरम की खोज करता है जो उसे अदृश्य होने की शक्ति देता है। मिस्टर इंडिया बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट रही और इसे अब तक की सबसे महान भारतीय फिल्मों में से एक माना जाता है।
राम लखन (1989): इस मसाला फिल्म ने कपूर को जैकी श्रॉफ के खिलाफ बुद्धि और साहस की लड़ाई में खड़ा किया। राम लखन एक बड़ी व्यावसायिक सफलता थी और इसमें कपूर के कुछ सबसे प्रतिष्ठित नृत्य शामिल थे।
किशन कन्हैया (1990): एक्शन से भरपूर इस कॉमेडी में कपूर ने दोहरी भूमिकाएँ निभाईं। किशन कन्हैया एक आलोचनात्मक और व्यावसायिक सफलता थी और इसमें कपूर के कुछ सबसे यादगार प्रदर्शन शामिल थे।
वेलकम (2007): इस कॉमेडी में कपूर को अक्षय कुमार, नाना पाटेकर और कैटरीना कैफ के साथ सहायक भूमिका में दिखाया गया था। वेलकम बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट रही और इसे अब तक की सबसे मजेदार भारतीय फिल्मों में से एक माना जाता है।
नायक (2001): कपूर ने इस राजनीतिक थ्रिलर में अपने सबसे समीक्षकों द्वारा प्रशंसित प्रदर्शनों में से एक दिया। नायक एक हिट रही और कपूर को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्मफेयर पुरस्कार सहित कई पुरस्कार मिले।
परिंदा (1989): इस अपराध नाटक में कपूर ने एक गैंगस्टर की भूमिका निभाई, जो अपने परिवार के प्रति वफादारी और मुक्ति की इच्छा के बीच फंसा हुआ है। परिंदा आलोचनात्मक और व्यावसायिक रूप से सफल रही और इसे अब तक की सबसे महान भारतीय फिल्मों में से एक माना जाता है।
1942: ए लव स्टोरी (1994): इस ऐतिहासिक रोमांस में कपूर ने एक मुस्लिम व्यक्ति की भूमिका निभाई, जिसे भारत के विभाजन के दौरान एक हिंदू महिला से प्यार हो जाता है। 1942: ए लव स्टोरी आलोचनात्मक और व्यावसायिक रूप से सफल रही और इसने सर्वश्रेष्ठ फिल्म के फिल्मफेयर पुरस्कार सहित कई पुरस्कार जीते।
मशाल (1984): नक्सली आंदोलन में शामिल होने वाले एक युवक के बारे में इस नाटक में कपूर ने सहायक प्रदर्शन किया। मशाल आलोचनात्मक और व्यावसायिक रूप से सफल रही और इसने सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के फिल्मफेयर पुरस्कार सहित कई पुरस्कार जीते।
स्लमडॉग मिलियनेयर (2008): कपूर ने इस ऑस्कर विजेता नाटक में एक गेम शो होस्ट की भूमिका निभाई। स्लमडॉग मिलियनेयर एक आलोचनात्मक और व्यावसायिक घटना थी और इसने सर्वश्रेष्ठ चित्र और सर्वश्रेष्ठ निर्देशक सहित आठ अकादमी पुरस्कार जीते।
नो एंट्री (2005): इस कॉमेडी में कपूर को सलमान खान, फरदीन खान और बिपाशा बसु के साथ सहायक भूमिका में दिखाया गया था। नो एंट्री बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट रही और इसे अब तक की सबसे मजेदार भारतीय फिल्मों में से एक माना जाता है।
ये उनकी कई बेहतरीन फिल्मों में से कुछ हैं जिनमें अनिल कपूर ने अभिनय किया है। वह भारतीय सिनेमा के एक सच्चे दिग्गज हैं और आने वाली पीढ़ियां उनके काम का आनंद लेती रहेंगी।
अन्य उल्लेखनीय फ़िल्में:
वो सात दिन (1983), तेज़ाब (1988), बेटा (1992), ताल (1999), रेस (2008), मुबारकां (2017), जुग जुग जीयो (2022), नाइट मैनेजर (वेब सीरीज/2023)
अपने इस जर्नी के दौरान अनिल कपूर ने कई पुरस्कार भी जीते हैं, चलिए जानते हैं पुरस्कार और सम्मान:
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए 3 फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार
सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए 2 फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार पद्म श्री