नुसरत भरूचा की फिल्म अकेली रिलीज हो चुकी है। बीते कई दिनों से लगातार आतंकवाद को लेकर फिल्म बनती नजर आ रही है। पिछले कुछ महीनों में कई ऐसी फिल्में आ चुकी हैं जिनमें 72 हूरें, द केरल स्टोरी जैसी फिल्में शामिल हैं। अब उन्हीं फिल्मों में नुसरत भरूचा की अकेली भी जुड़ गई है। यह फिल्म आज रिलीज हो चुकी है। चलिए जानते हैं कैसी है फिल्म!
क्या है फिल्म की कहानी?
इस फिल्म की कहानी शुरुआत एक आतंकी हमले से होती है, फिर ज्योति अरोड़ा (नुसरत भरूचा) की झलक दिखती है, जो हमले से घबराई हुई हैं। फिर कहानी फ्लैशबैक में जाती है जिसमें ज्योति का पंजाब से इराक तक के पहुंचने का सफर दिखाया गया है। फिर कहानी आगे बढ़ती है, ज्योति को इराक के फैक्ट्री में काम करते करते एक पाकिस्तानी लड़के से प्यार हो जाता है। फिर इनकी लव स्टोरी आगे बढ़ती ही है की आईएसआईएस के लोग फैक्टरी पर हमला कर देते हैं और वहां पर मौजूद सभी आदमी को मार देते हैं और औरतों को बंदी बना लेते हैं। फिर आईएसआईएस के लोग औरतों के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करते हैं, तभी एक ज्योति के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करता है और ज्योति के साथ हाथापाई में उसकी मौत हो जाती है। अब आगे ज्योति के साथ क्या होता है, ज्योति वापिस इंडिया आ पाती हैं या नहीं, यह जानने के लिए देखें फिल्म अकेली!
कैसा है एक्टिंग?
नुसरत भरूचा ने इस फिल्म में अच्छी एक्टिंग की है, अपनी ऐक्टिंग के बदौलत उन्होंने अपनी फिल्म में जान डाली है। फिल्म में हीरो की बात करें तो कोई नामी हीरो नहीं है। इस फिल्म को अकेले नुसरत ने संभाला है। बाकी कलाकारों ने भी अच्छी एक्टिंग की है।
कैसा है निर्देशन?
इस फिल्म का निर्देशन प्रणय मेश्राम ने किया है, इसी फिल्म से इन्होंने डेब्यू किया है। कहानी को उन्हें अच्छी तरह से दिखाया है, कहानी को उन्होंने बिल्कुल भी बोरिंग नहीं होने दिया है। फिल्म में कई ऐसे ट्विस्ट हैं जो कहानी को और भी मजेदार बनाते हैं।
रिव्यू
यह फिल्म अकेले नुसरत भरूचा ने अपने कंधों पर उठाया है, अकेली लकड़ी की कहानी भारत से इराक तक का सफर बहुत ही मजेदार है। फिल्म का पहला हाफ कहानी बनाने में लग जाती है, तो यहां फिल्म थोड़ी धीमी लगती है। लेकिन सेकंड हाफ में फिल्म काफी ट्विस्ट से भरी होती है। फिल्म में कई बार इराकी भाषा का इस्तेमाल किया गया है जिस वजह से फिल्म से ध्यान हटाकर कैप्शन पढ़ना पड़ता है जो थोड़ा फिल्म से ध्यान तोड़ देता है। वहीं फिल्म में नुसरत की मां का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस पंजाबी का किरदार निभाने में थोड़ी कमजोर पड़ गईं।
बाकी फिल्म अच्छी है, महिला प्रधान फिल्म देखने के लिए यह फिल्म बहुत ही अच्छी है। फिल्म देखने लायक है, और नुसरत भरूचा की एक्टिंग भी अच्छी है।
रेटिंग: 2/5