मशहूर संगीतकार एआर रहमान ने हाल ही में नेपोटिज्म को लेकर अपना विचार सामने रखा है। हाल ही में द हिंदू को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वो अपनी विरासत को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
एआर रहमान ने नेपोटिज्म के बारे में बताते हुए कहा कि वह अपने तीनों बच्चों खतीजा, रहीमा और अमीन को करियर में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने बताया कि वो अपने पूरे सेटअप को एक गोदाम में बदलना नहीं चाहते हैं।
एआर रहमान ने कहा, “आजकल लोगों ने यह नया शब्द सीखा है… भाई-भतीजावाद. ये सारी चीजें, ये पूरा संसार मैंने ही बनाया है; अगर मेरे बच्चे इसमें शामिल नहीं होंगे, तो यह पूरी जगह एक गोदाम बन जाएगी! मेरे स्टूडियो में हर कदम, हर दीवार का हर इंच, और हर कुर्सी को बहुत जुनून और देखभाल के साथ चुना गया है, और मुझे उम्मीद है कि वे भविष्य में मेरा कार्यभार संभालेंगे।”
उन्होंने आगे कहा,”एक बात के बारे में मैं बहुत स्पष्ट था; मैं किसी के लिए जो भी पैसा छोड़ता हूं, वह एक दिन में गायब हो जाएगा यदि वे पर्याप्त स्मार्ट नहीं हैं और विरासत को नहीं समझते हैं। मैं अपनी माँ और बहनों के साथ बहुत सारी वित्तीय परेशानियों से गुज़रा, लेकिन जो बोझ मैंने अपनी माँ के साथ साझा किया उन्होंने मुझे वह बनाया जो मैं आज हूँ।”
रहमान के बेटे एआर अमीन ने फिल्म ‘दिल बेचारा’ के लिए ‘नेवर से गुडबाय’ गाना गाया था। उनकी बेटी खतीजा रहमान ने तमिल संस्करण में पोन्नियिन सेलवन II गीत चिन्नानजिरु (मारुमुराई) गाना गाया था। ऑस्कर विजेता एआर रहमान फिलहाल मणिरत्नम के साथ एक नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।