हॉलीवुड इंडस्ट्री को लेकर सिंगर एआर रहमान ने अपना दर्द बयां किया है। वह हॉलीवुड को कबूतर को पिंजरे समान बोलते नजर आए हैं।
एआर रहमान ने कई बार अंतरराष्ट्रीय पहचान के साथ हमारे देश का गौरव बढ़ाया है। स्लमडॉग मिलियनेयर के लिए उनके संगीत ने 2008 में दो ऑस्कर जीते – सर्वश्रेष्ठ मूल स्कोर और सर्वश्रेष्ठ मूल गीत। लेकिन इतनी बड़ी उपलब्धियां हासिल करने के बावजूद, भारतीय संगीतकार हॉलीवुड में खुद को कमजोर महसूस करते हैं।
उनकी प्रतिभा ने उन्हें न केवल अकादमी पुरस्कारों तक खींचा है, बल्कि एआर ने छह राष्ट्रीय पुरस्कार, दो ग्रैमी पुरस्कार, एक बाफ्टा और एक गोल्डन ग्लोब पुरस्कार भी जीता है। उन्हें आदर्श रूप से अंतरराष्ट्रीय बाजार में होना चाहिए था, संपन्न होना चाहिए था और एक वैश्विक आइकन की स्थिति का आनंद लेना चाहिए था जैसा कि प्रियंका चोपड़ा ने अभिनय उद्योग में किया था। लेकिन संगीतकार अब अपनी निराशा व्यक्त कर रहे हैं क्योंकि उन्हें एक तरह से पिंजरे में कैद महसूस हो रहा है।
फोर्ब्स के साथ एक इंटरव्यू में सिंगर ए आर रहमान ने बताया कि ‘मैंने भले ही 127 घंटे, मिलियन डॉलर आर्म और पेले सहित अन्य कार्यक्रम किए हैं। लेकिन एक भारतीय ऑस्कर विजेता संगीतकार के रूप में, मैं अक्सर खुद को हॉलीवुड में खोया हुआ पाता हूंं। मैं बहुत सारी भारतीय फिल्में कर रहा हूं। मुझे भारतीय फिल्में करना पसंद है। मुझे गर्व है। लेकिन मुझे मैं कुछ ऐसा भी करना चाहता हूं, जिसका भारत से कोई संबंध ही ना हो। लेकिन हॉलीवुड में अपनी पहचान बनाना बहुत कठिन है।’
सिंगर ने आगे कहा कि ‘वहां सभी स्थान पहले ही ले लिए गए हैं। हॉलीवुड में चीजें हासिल करना बहुत ही मुश्किल है। हमें सिर्फ अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। हर इंडस्ट्री में कोई न कोई परेशानी होती है, लेकिन हॉलीवुड में मैंने काफी दिक्कतों का सामना किया है। आप ऐसे समझ लीजिए कि हॉलीवुड एक कबूतर का पिंजरा है, जिसमें आपको डाल दिया गया है। जिसमें आपको बहुत स्ट्रगल करना पड़ता है लेकिन जल्दी से लोग आपके काम का सम्मान नहीं करते हैं।’