अक्षय कुमार और परिणीती चोपड़ा की फिल्म मिशन रानीगंज आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। सच्ची घटनाओं पर आधारित इस फिल्म में कई दिग्गज कलाकार भी शामिल हैं। चलिए जानते हैं कैसी है यह फिल्म!
क्या है फिल्म की कहानी?
मिशन रानीगंज कहानी का प्लॉट 80 के दशक का है। फिल्म की कहानी 1989 में पश्चिम बंगाल के रानीगंज में हुए कोल माइन हादसे पर बेस्ड है।
फिल्म की कहानी शुरू होती है जसवंत सिंह गिल (अक्षय कुमार) से, जो अपनी प्रेग्नेंट पत्नी निर्दोष (परिणीति चोपड़ा) के साथ रानीगंज रहने आते हैं। कोलकाता के रानीगंज में जसवंत सिंह कोल इंडिया लिमिटेड में रेस्क्यू इंजीनियर के तौर पर काम करते हैं। फिर एक दिन कोयला माइन में ब्लास्ट होता है और इसमें पानी भर जाता है। इस ब्लास्ट के दौरान करीब 71 मजबूर खदान में काम कर रहे होते हैं। जब इसकी जानकारी जयवंत सिंह को मिलती है तो वे इन मजदूरों को बचाने के लिए आगे आते हैं। हालांकि, इससे पहले ही 6 मजदूरों की मौत हो चुकी होती है। वो फिर अपना रेस्क्यू ऑपरेशन करते हैं और इसमें वह 65 मजदूरों की जान बचाते हैं। जसवंत सिंह कैसे अपने प्लान को अंजाम देते है, कैसे वो। खदान में फंसे मजदूरों की जान बचाते हैं और उन्हें किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, इन सब सवालों का जवाब जानने के लिए आपको थिएटर जाकर फिल्म देखनी होगी!
कैसी है कलाकारों की एक्टिंग?
जसवंत सिंह के किरदार में अक्षय कुमार ने बेहतरीन प्रदर्शन दिया है। अक्षय कुमार इस फिल्म से पहले भी बायोपिक ड्रामा में काम क चुके है, लेकिन इस फिल्म में उन्होंने जो रंग दिखाया है, वह वाकई काबिले तारीफ है। फिल्म में अक्षय कुमार की पत्नी के किरदार परिणीति चोपड़ा हैं, उनकी एक्टिंग भी अच्छी है। हालांकि फिल्म में उन्हें ज्यादा स्क्रीन टाईम नहीं मिला है। इसके अलावा फिल्म में रवि किशन, पवन मल्होत्रा, वरुण बड़ौला, कुमुद मिश्रा ने भी शानदार प्रदर्शन किया है।
कैसा है फिल्म का निर्देशन?
इस फिल्म के निर्देशन की कमान टीनू देसाई ने संभाली है, टीनू इससे पहले अक्षय कुमार के साथ फिल्म रुस्तम में भी काम कर चुके थे। इस फिल्म में टीनू देसाई के डायरेक्शन में काफी बदलाव देखने को मिला और उन्होंने हर सीन पर अपना बेस्ट देने की कोशिश की। टीनू ने फिल्म के प्लॉट को 80 के दशक का दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 80 के दौर के माहौल को क्रिएट करने में टीनू ने अपना सौ प्रतिशत दिया है।
रिव्यू
फिल्म कुछ जगह हंसाती है तो कुछ जगह रुलाती भी है। फिल्म की कहानी कुछ ऐसी है जो दर्शकों को अपनी सीट से हिलने का मौका तक नहीं देती। मूवी के आखिरी 30 मिनट कमाल के हैं। फिल्म की कहानी के लेखन में थोड़ी बहुत कमी जरूर देखने को मिली, यदि इस पर ठीक से काम होता तो यह और बेहतर बन सकती थी। मिशन रानीगंज के म्यूजिक की बात करें तो इसके गाने कुछ खास नहीं लेकिन इसमें बैकग्राउंड म्यूजिक बहुत ही बेहतरीन है। कुल मिलाकर कहा जाए तो अक्षय कुमार की यह बेहतरीन फिल्म है और इसे एक मौका जरूर देना चाहिए।
रेटिंग 2.5/5
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