72 हूरें, यह फिल्म भी एलान होने के बाद से ही विवादों में घिर गया था। आज यह फिल्म थिएटरों में रिलीज हो गया है। इस साल द केरल स्टोरी को लेकर भी काफी विवाद हुआ था और उस फिल्म के बाद इस फिल्म को लेकर भी काफी विवाद हो रहा है। दोनों ही फिल्में आतंकवाद के काले दुनिया का उजागर करते हैं। आज 72 हूरें रिलीज हो चुकी है, चलिए जानते हैं कैसी है फिल्म!
क्या है फिल्म की कहानी?
कहानी है दो आतंकवादी(पवन मल्होत्रा और आमिर बशीर)की, जो मुंबई स्तिथ गेटवे ऑफ इंडिया में होने वाले बम धमाके को अंजाम दिया है। ये दोनों आतंकवाद के राह पर धकेले गए हैं, इन्हें बोला गया है मरने के बाद 72 हूरें उनका इंतजार कर रही होंगी। यह फिल्म आगे की कहानी उनके मरने के बाद को लेकर है। उन्हें 72 हूरें मिलती हैं या नहीं, यह जानने के लिए आपको थिएटर जाकर देखना होगा!
कैसी है कलाकारों की एक्टिंग?
फिल्म के कास्टिंग की बात करें तो कास्टिंग परफेक्ट किया गया है। आमिर और पवन ने बहुत ही अच्छी एक्टिंग की है, किरदार को खुलकर जिया है दोनों ने। पवन मल्होत्रा के लिए यह फिल्म बहुत ही खास साबित होगी।
कैसा है निर्देशन?
संजय पूरण सिंह चौहान ने इस फिल्म का निर्देशन किया है। संजय को इस फिल्म के लिए पहले ही नेशनल अवार्ड मिल चुका है। फिल्म में संजय की काम झलक रही है। बिना तामझाम के उन्होंने कहानी को स्थापित किया है और आगे बढ़ा कर ले जा रहे हैं। संजय ने फिल्म बनाते हुए इस बात को बहुत खुबसूरती से कह गए की आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है। संजय की यह पूरी फिल्म को ब्लैक एंड व्हाइट है, ऐसे में फिल्म में दिखाई आतंकी हमले और भी रूह कंपा जाते हैं।
रिव्यु
72 हूरें या जन्नत की हकीकत कहता यह फिल्म पहले तो नाम से लग जाता है की फिल्म किस चीज को लेकर बनी है। फिल्म की कहानी आतंकवाद को कह रही है लेकिन ब्लैक एंड व्हाइट में। फिल्म के एक्टर ने तो अपना सौ प्रतिशत दिया है लेकिन फिल्म ही कभी कभी स्लो हो जाती है, जिससे लगता है की यह एक प्ले है। फिल्म को इस तरह शायद संजय ने जान बूझकर बनाया ही, लेकिन फिल्म का बेरंग होना शायद फिल्म के लिए बुरा हो सकता है।
फिल्म में कई सीन ऐसे हैं जो सोचने पर मजबूर कर देते हैं, लेकिन फिल्म को अगर कोई मसालेदार अंदाज में देखना चाहे तो निराशा हाथ लगेगी। कुल मिलाकर कहें तो डायरेक्शन और अच्छी ऐक्टिंग देखना हो तो यह फिल्म देख सकते हैं।
रेटिंग: 2/5